Rahul Gandhi On One Nation One Election: एक देश एक चुनाव की संभावनाओं को लेकर केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया. इस मामले पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. पहले सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कमिटी की हिस्सा बनने से इनकार कर दिया, फिर जयराम रमेश ने इसे कर्मकांडीय बताया और अब राहुल गांधी ने कहा कि ये भारत के संघ पर हमला है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "इंडिया का मतलब भारत, राज्यों का एक संघ, एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है." पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावना तलाशने के लिए समिति गठित की गई. इसमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया. हालांकि उन्होंने शामिल होने से इनकार कर दिया.
इसलिए अधीर रंजन चौधरी ने किया इनकार
अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक ये कमेटी संवैधानिक रूप से सही नहीं है. साथ ही ये व्यवहारिक और तार्किक रूप से भी उचित नहीं है. ये कमेटी भी तब बनाई गई है जब आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता को इस कमेटी में न रखना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है. इस हालत में मेरा पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है कि कमेटी का सदस्य बनने का निमंत्रण अस्वीकार करूं.
समिति में इन लोगों को दी गई जगह
समिति में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे, संसदीय विशेषज्ञ सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को जगह दी गई.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “हमारा मानना है कि एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति और कुछ नहीं बल्कि भारत के संसदीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का एक व्यवस्थित प्रयास है.”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “जिसे वन नेशन वन इलेक्शन कहा गया है उस पर उच्च स्तरीय समिति कर्मकांडीय व्यायाम है, जिसका समय बेहद संदेहास्पद है. इसके संदर्भ की शर्तों ने पहली ही इसकी सिफारिशें निर्धारित कर दी हैं. समिति की संरचना भी पूरी तरह ऐसी है कि गिफ्ट में मिली हो और लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कल रात बहुत ही सही तरीके से इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया.”
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