6 दिसंबर को बंगाल में टीएमसी के निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की नींव रखी. अब इस पर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मौलाना साजिद रशीदी का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि देश संविधान से चलता है, गीता या कुरान से नहीं. संविधान इबादत की जगह बनाने का अधिकार देता है. अगर बाबर के नाम पर मस्जिद बनाई जा रही है तो यह गैर-संवैधानिक नहीं है. ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर किसी और से ज़्यादा राजनीति की है. अगर इसे सांप्रदायिक राजनीति माना जाता है तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है?
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार (6 दिसंबर, 2025) को कड़ी सुरक्षा के बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में बाबरी मस्जिद के नाम पर एक मस्जिद की नींव रखी. इसी के बाद से इस पूरे मामले ने सियासी रंग ले लिया है.
'बाबरी नाम से मस्जिद नहीं बनेगी यह कानून में कहां लिखा?'
मौलाना रशीदी ने कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि बाबरी नाम से मस्जिद नहीं बनेगी या जहांगीर, औरंगजेब या अकबर जितने भी मुस्लिम शासक के नाम पर मस्जिद नहीं बनेगी. अयोध्या में तो कोई मस्जिद नहीं बना रहा. पश्चिम बंगाल में बना रहा है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया, मुस्लिम खामोश हो गया. अब देश के किसी कोने में बाबरी नाम से मस्जिद बन रही है, तो यह कोई गैरकानूनी तो है नहीं.
'इसमें ममता बनर्जी राजनीति कर रही हैं'
उन्होंने कहा कि बाबरी नाम से ही क्यों मस्जिद नहीं बन सकती है. राजनीति हो सकती है, इसमें ममता बनर्जी राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा है कि अगर हुमायूं कबीर की सांप्रदायिक राजनीति है तो उन्हें गिरफ्तार कीजिए और उन्हें जेल में डालिए. उनको सजा दिजिए. लेकिन आपने ने तो उसे पूरी सुरक्षा दी है. सारा प्रशासन वहां मौजूद था. हुमायूं कबीर ने बोला भी है कि सारा तंत्र मंत्र मेरे साथ है. मुझे किसी का डर नहीं है. बहुत बड़ा काम हुआ कि 15 लाख ईंटे वहां पहुंच गई.
उन्होंने कहा कि ये अलग बात है कि उसने म्यूजियम, लाइब्रेरी बनाने की बात भी कही है. असल मकसद मस्जिद है. मस्जिद बनने में संवैधानिक कोई बात नहीं है. एक धार्मिक गुरू ने कहा है कि अगर बाबर की मस्जिद बन गई तो हम बनाने वाले को हुरों के पास भेज देंगे या जमीन में जिंदा गड़वा देंगे. यह एक गैर संवैधानिक बयान है.
मैं कोई गैर संवैधानिक काम नही कर रहा: हुमायूं कबीर
इस पूरे मामले में हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने के बाद कहा, 'मैं कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहा हूं. संविधान कहता है कि कोई भी मंदिर बना सकता है, कोई चर्च बना सकता है और मैं मस्जिद बनाऊंगा. यह कहीं नहीं लिखा कि बाबरी मस्जिद नहीं बनाई जा सकती.'