Odisha Tragedy: ओडिशा के बालासोर में हुए सदी के सबसे भयंकर रेल हादसे को दो हफ्ते से ज्यादा हो चुके हैं. आज भी लोगों की जुबां पर एक ही सवाल है कि आखिर हादसा कैसे हुआ था, जिसने 291 जिंदगियां निगल लीं. वहीं, हादसे वाली जगह से करीब 150 किमी दूर कटक जिले के नाहरपाडा गांव में एक परिवार अपने बेटे का इंतजार कर रहा है. ये गांव है कोरोमंडल एक्सप्रेस को चला रहे ड्राइवर गुनानिधि मोहंती का. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के बाद से वह अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं.


हिंदुस्तान टाइम्स ने गुनानिधि के पिता 80 वर्षीय बिष्णु चरण मोहंती के हवाले से लिखा है कि उन्होंने हादसे के बाद से अभी तक अपने बेटे से बात नहीं की है. वे अपने बेटे के घर आने का इंतजार कर रहे हैं. कहते हैं कि गांव के लोग उनके बेटे को हादसे के लिए जिम्मेदार समझते हैं लेकिन वो कैसे बता सकते हैं कि उस शाम क्या हुआ था?


लोको पायलट को भी आई थी चोट


2 जून को खड़गपुर से भुवनेश्वर जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा के बालासोर में बाहानगा बाजार स्टेशन के लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से जा भिड़ी थी. हादसे के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस का कुछ हिस्सा डिरेल होकर दूसरी लाइन पर पहुंच गया और उस पर आ रही हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस से जा टकराया. हादसे के वक्त गुनानिधि मोहंती कोरोमंडल एक्सप्रेस पर लोको पायलट थे.


शाम करीब 7 बजे हुए हादसे में 291 लोगों की मौत हो गई थी और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. घायलों में गुनानिधि मोहंती भी हैं. उनकी तीन पसलियां टूटी हैं और सिर में चोट आई थीं. मोहंती को भुवनेश्वर को एएमआईआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज तक गुनानिधि का परिवार उनके घर आने का इंतजार कर रहा है.


अस्पताल से मिल गई छुट्टी


हिंदुस्तान टाइम्स ने ईस्ट कोस्ट रेलवे के मेडिकल डिपार्टमेंट के डॉक्टर के हवाले से बताया है कि गुनानिधि को करीब 4-5 दिन पहले अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. एएमआरआई अस्पताल ने भी एचटी को बताया कि दोनों लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को 4-5 दिन पहले डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं, परिवार आज भी उनके आने का इंतजार कर रहा है. उनके छोटे भाई ने कहा कि किसी ने भी हमें हमारे भाई के बारे में नहीं बताया है. हमें लगता है कि वह अब भी अस्पताल में हैं. 


हादसे की चल रही सीबीआई जांच


ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भीषण रेल हादसे की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की टीम बाहानगा स्टेश पर पहुंचकर हादसे वाली जगह का दौरा कर चुकी है. साथ ही उस स्टेशन के सभी उपकरण, लॉग बुक को भी जब्त कर लिया है. सीबीआई के साथ ही रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) भी इसकी जांच कर रहे हैं.


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