Odisha Assembly Session Ruckus: ओडिशा विधानसभा में मंगलवार (11 मार्च, 2025) को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी कांग्रेस के विधायक सदन में ही आपस में भिड़ गए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

विधानसभा में उस समय तनाव बढ़ गया जब बीजेपी के वरिष्ठ विधायक जय नारायण मिश्रा, कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति की ओर बढ़े. ताराप्रसाद, शहरी विकास मंत्री के.सी. महापात्र के सामने खड़े थे और मंत्री किसी सवाल का जवाब दे रहे थे. बहिनीपति ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मिश्रा ने मेरे शर्ट का कॉलर पकड़कर मुझे धक्का दिया. मैं मंत्री महापात्र से हाथ जोड़कर निवेदन कर रहा था कि जब सदन में व्यवस्था नहीं है तो वह जवाब न दें लेकिन अचानक मिश्रा आए और मेरा कॉलर पकड़ लिया.’’

बीजेपी-कांग्रेस विधायक धक्का-मुक्की करते दिखे

बाद में, सत्ता पक्ष और कांग्रेस के अन्य सदस्यों के बीच भी धक्का-मुक्की शुरू हो गई जिसके बाद अध्यक्ष पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन में हंगामा खड़ा हो गया. बीजेपी और कांग्रेस के सदस्य एक-दूसरे को धक्का देते दिखे. बीजू जनता दल (बीजेडी) के सदस्य भी उसी जगह मौजूद थे, लेकिन वे इससे दूर रहे. 

विपक्षी बीजेडी और कांग्रेस विधायकों ने अलग-अलग मुद्दे उठाए. बीजेडी विधायकों ने मिश्रा की उस टिप्पणी पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से बयान देने की मांग की जिसमें मिश्रा ने 1936 में तत्कालीन कोसल के ओडिशा में विलय को ‘‘ऐतिहासिक गलती’’ बताया था, जबकि कांग्रेस विधायक राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर विरोध कर रहे थे.

ओडिशा विधानसभा में दूसरे दिन भी हंगामा

यह लगातार दूसरा दिन था जब विधानसभा में हंगामा देखने को मिला. विपक्ष के विरोध के बीच, अध्यक्ष पाढ़ी ने लगभग 30 मिनट तक प्रश्नकाल चलने दिया. मुख्यमंत्री के लगातार दो दिनों से सदन में उपस्थित न होने को लेकर बीजेडी विधायकों ने विधानसभा परिसर में लालटेन लेकर सांकेतिक रूप से विरोध दर्ज कराया. बीजेडी विधायकों ने मुख्यमंत्री के कमरे के बाहर धरना भी दिया.

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