सहारनपुरः टीएमसी की नवनिर्वाचित सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां ने कहा है कपड़ों के आधार पर किसी को किसी पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि धर्म कपड़ों से परे होता है. टीएमसी सांसद ने कट्टरपंथी मौलवियों की भी मुखालफत की, जिन्होंने उनके सिंदूर लगाने और मंगलसूत्र पहनने की आलोचना की थी.
देवबंद के मौलवियों के एक धड़े ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद के खिलाफ कथित तौर पर फतवा भी जारी किया था. पश्चिम बंगाल के बसीरहाट की सांसद 25 जून को पहली बार संसद में सिंदूर लगाए हुई पहुंचीं और शपथ लेने के बाद उन्होंने वंदे मातरम कहा था.
सांसद नुसरत जहां ने व्यवसायी निखिल जैन से जून में शादी रचाई थी. यह शादी तुर्की में संपन्न हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद वह संसद पहुंचे थे और शपथ ली थी. मौलवियों ने दावा किया कि नुसरत जहां ने जैन धर्म में शादी कर इस्लाम का अपमान किया और उनके कपड़े को गैर इस्लामिक बताया.
जामिया शेख उल हिंद के मुफ्ती असद कासमी ने दावा किया, ''मुस्लिमों की शादी मुस्लिमों में ही हो सकती है और वे केवल अल्लाह के सामने झुक सकते हैं. इस्लाम में वंदे मातरम, मंगलसूत्र और सिंदूर के लिए कोई जगह नहीं है और ये चीजें धर्म के खिलाफ हैं.''
आलोचनाओं का जवाब देते हुए नुसरत जहां ने शनिवार की रात को ट्वीट किया, ''किसी भी धर्म के कट्टरपंथियों के बयानों पर ध्यान देना या प्रतिक्रिया देना केवल नफरत और हिंसा को बढ़ावा देना है और इतिहास इसका गवाह है.''
उन्होंने कहा कि वह ''समग्र भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं जो जाति, पंथ और मजहब के दायरे से परे है.'' उन्होंने कहा, ''मैं अब भी मुसलमान हूं और किसी को यह नहीं बताना चाहिए कि मैं क्या पहनूं. मजहब कपड़े से परे होता है.''
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