Nupur Sharma Row Rizwan Ashraf: भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (India-Pakistan Border) पर 16-17 जुलाई की रात को गिरफ्तार किए 22 वर्षीय पाकिस्तानी घुसपैठिये रिजवान अशरफ (Rizwan Ashraf) ने भारतीय एजेंसियों को बताया कि वह नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) को जान से मारने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आया है. वह खुद को इलेक्ट्रिशियन बता रहा था. रिज़वान के पास से दो चाकू, कुछ धार्मिक किताबें, कुछ खाने का सामान और कपड़े बरामद हुए हैं. उसके पास से बरामद कागजात के मुताबिक वह पाकिस्तान के पंजाब (Pakistan Punjab) प्रांत का रहनेवाला है और वह राजस्थान बॉर्डर से भारत में घुसा था.


रिजवान के माता-पिता ने कही ये बात


रिजवान अशरफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन ज़िले के छोटे से गांव खुथियाला शाइखान का रहनेवाला है और उसे इस बात की जानकारी मिली होगी कि नुपूर शर्मा ने ऐसा कहा है. रिजवान के पिता मोहम्मद अशरफ़ ने उदासी भरे स्वर में अपने बेटे के बारे में ये जानकारी दी. बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, अशरफ ने बताया कि "मेरे बेटे ने जब ये सुना कि बीजेपी की एक महिला नेता ने हमारे पैगंबर के ख़िलाफ़ ईशनिंदा की है तो उसने लगभग पूरी तरह से खाना बंद कर दिया था, बहुत शांत भी हो गया था."


पिता ने बताया-मेरा बेटा कहीं जाना चाहता था


रिजवान के पिता अशरफ़ की गांव में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मरम्मत की दुकान है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से दुकान से जुड़े कामों में उनके बेटे की कोई दिलचस्पी नहीं थी. बकरीद से कुछ दिनों पहले ही रिज़वान अपनी अम्मी से कहीं बाहर जाने की बात करने लगे थे. वे कहां जाना चाहते थे, इसकी कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी थी लेकिन बाहर जाने की मंज़ूरी मांगने लगे थे.


पिता ने बताया कि कुछ दिनों तक मां-बेटे में इस बात को लेकर कहासुनी भी हुई. मां के बहुत पूछने पर रिज़वान ने बताया कि वह चिल्ला जाना चाहता है. चिल्ला यानी प्रायश्चित के इरादे से 40 दिनों का इस्लामी अध्यात्मिक दंड. अशरफ़ के मुताबिक, चूंकि उनका बेटा काफ़ी धार्मिक था, इसलिए मां ने जाने की मंज़ूरी दे दी.


पैगंबर मोहम्मद में है रिजवान की अटूट आस्था


अशरफ़ ने बताया, "अगर हमें मालूम होता कि वह कहां जाने वाला है, तो हम उसे कभी अपनी जान जोख़िम में डालने के लिए नहीं जाने देते. लेकिन पैगंबर मोहम्मद के प्रति उसकी निष्ठा सबसे बड़ी चीज़ थी. 


अशरफ़ बताते हैं कि "बेटे की याद में, मैं और मेरी बीवी दोनों तड़पते हुए एक दूसरे को सांत्वना देने की कोशिश करते हैं कि उसने ऐसा पैगंबर मोहम्मद के प्रेम में किया है. लेकिन जब हमारे जवान बेटे का जीवन संकट में हो तो कोई सांत्वना काम नहीं आती. "पुलिस हमें परेशान कर रही है. वे हमसे पूछताछ करते हैं, रिज़वान के बारे में पूछते हैं. हम लोग गांव के सामान्य लोग हैं. मेरे बेटे ने मूर्खता की है, लेकिन उसने जो भी किया है वह पैगंबर मोहम्मद की इबादत में किया है."


महाराणा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा था


वैसे ये पहला मौक़ा नहीं है जब रिज़वान सुर्खियों में आया है. इससे पहले उसने लाहौर में पंजाब के पूर्व सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा पर लगातार हमले करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. यह प्रतिमा पाकिस्तान के पूर्वी शहर के अधिकारियों ने पूर्व शासक की समाधि पर 2019 में स्थापित की थी.


अशरफ़ बताते हैं कि उनके बेटे ने मौलाना ख़ादिम रिज़वी का वह भाषण सुना, जिसमें उन्होंने कहा था कि रणजीत सिंह के शासन काल में मुस्लिम महिलाओं की इज़्ज़त लूटी गई और मुसलमानों की हत्या हुई. अशरफ़ ने बताया, "वह तब काफ़ी दुखी हुआ था. प्रतिमा का लगना, उसकी विचारधारा के ख़िलाफ़ था, इसलिए उसने उसे तोड़ा और इसके लिए गिरफ़्तार भी हुआ."


मनोचिकित्सक से इलाज भी करवाया था


उन्होंने कहा, "मेरा उससे झगड़ा भी हुआ था. मैंने उससे कहा था कि इन सबसे दूर रहो लेकिन वह लगातार कहता रहा कि शेर-ए-पंजाब तो केवल मुस्लिम सूफ़ी संत दाता गंज बख़्श साहिब को कहा जा सकता है, किसी और को नहीं."मोहम्मद अशरफ़ बताते हैं कि रिज़वान के जेल से लौटने के बाद वे उसे लेकर कई मनोचिकित्सकों के पास गए, लेकिन किसी ने भी दवा देने के अलावा कुछ और नहीं किया.''


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