CPR Training For Zomato Riders: हैदराबाद में एक वायरल वीडियो के बाद, जोमैटो ने अपने डिलीवरी बॉय को CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है. इस पहल का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में डिलीवरी कर्मियों को पहले उत्तरदाता (First Responder) के रूप में प्रशिक्षित करना है, ताकि वे सड़क पर जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें.

महाराष्ट्र में 313 जोमैटो राइडर्स को CPR ट्रेनिंगZenzo 5G एम्बुलेंस सेवा की एक पहल के तहत, कई राज्यों में जोमैटो डिलीवरी कर्मियों को सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अगस्त 2024 में हैदराबाद में एक जोमैटो राइडर ने गिरते हुए एक वरिष्ठ नागरिक को प्राथमिक उपचार देकर उसकी जान बचाई, जिसके बाद यह पहल और मजबूत हुई.

आपातकालीन स्थितियों में तुरंत मदद के लिए पहलZenzo की सह-संस्थापक और सीईओ श्वेता मंगल ने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य आपातकालीन प्रतिक्रिया देने वालों की संख्या बढ़ाना है. डिलीवरी कर्मियों को जीवन रक्षक तकनीकों के बारे में सिखाया जा रहा है, जिससे वे एम्बुलेंस के आने से पहले ही मरीज को जरूरी मदद दे सकें.

Zenzo की सीईओ श्वेता मंगल ने क्या कहा?दरअसल, श्वेता मंगल का कहना है, "सिर्फ एम्बुलेंस लॉन्च करके भारत को आपातकाल के लिए तैयार नहीं किया जा सकता. हमें ऐसे लोगों की जरूरत है, जो तुरंत प्रतिक्रिया दे सकें. लंदन जैसे विकसित शहर में भी एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम 9 मिनट है, लेकिन जब किसी को दिल का दौरा पड़ता है या मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो ये मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. इसलिए डिलीवरी राइडर्स को प्रशिक्षित करना जरूरी है."

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक ड्राइवरों को ट्रेनिंगउत्तर प्रदेश में 1933 ड्राइवरों को CPR प्रशिक्षण दिया गया. तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 313 कर्मियों को ट्रेनिंग मिली. देशभर में 10 लाख से ज्यादा जोमैटो राइडर्स को प्रशिक्षित किया गया.

डिलीवरी बॉय बनेंगे लाइफ सेवरZenzo के चिकित्सा सेवाओं के प्रमुख डॉ. नरसिंह अरोलकर ने बताया कि CPR और प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग केवल डिलीवरी बॉय तक सीमित नहीं है. ड्राइवर, शिक्षक, स्कूल-कॉलेज के कर्मचारी, मरीजों की देखभाल करने वाले परिचारक और टूर-ट्रैवल मैनेजरों को भी यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "CPR प्रशिक्षण के दौरान आधे शरीर की डमी का उपयोग करके राइडर्स को व्यावहारिक अनुभव दिया जाता है. कई बार लोग सड़क पर गिर जाते हैं, लेकिन आसपास मौजूद लोग नहीं जानते कि क्या करना चाहिए. CPR जैसी तकनीकें जान बचा सकती हैं, इसलिए हर व्यक्ति को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए."

आपातकाल में अब और तेजी से मददइस पहल के चलते, अब जोमैटो डिलीवरी बॉय न सिर्फ खाना पहुंचाएंगे बल्कि जरूरत पड़ने पर लोगों की जान भी बचा सकेंगे. CPR की ट्रेनिंग से लैस ये राइडर्स देशभर में आपातकालीन चिकित्सा सहायता के नए स्तंभ बन सकते हैं.

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