Dilip Ghosh on Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ ममता बनर्जी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद दिलीप घोष ने विवादित टिप्पणी की है. मंगलवार (26 मार्च, 2024) को जब उन्हें एक कथित वीडियो क्लिप में ममता बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक बनाते देखा गया तो उसके बाद तो मानो सियासी संग्राम छिड़ गया.


वायरल क्लिप में भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को टीएमसी के चुनावी नारे 'बांग्ला निजेर मेयेके चाई' (बंगाल अपनी बेटी चाहता है) का मजाक उड़ाते हुए देखा गया. क्लिप में दिलीप घोष कहते दिखे, ‘‘जब वह गोवा जाती हैं तो कहती हैं कि वह गोवा की बेटी हैं. त्रिपुरा में वह कहती हैं कि वह त्रिपुरा की बेटी हैं. पहले, उन्हें यह स्पष्ट करने दीजिए कि...’’ 


पश्चिम बंगाल की CM पर क्या बोले BJP के दिलीप घोष? देखिए:






देखते ही देखते वायरल हुआ दिलीप घोष के बयान से जुड़ा वीडियो


टीएमसी ने दिलीप घोष की आलोचना करते हुए उक्त वीडियो क्लिप शेयर की. हालांकि, समाचार एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' ने वायरल क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की. वैसे, मेदिनीपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद दिलीप घोष उस दौरान टीएमसी के 2021 चुनाव नारे 'बांग्ला निजेर मेयेके चाई' का जिक्र कर रहे थे.


TMC के कीर्ति आजाद ने भी दिलीप घोष पर बोला हमला


बाद में लोकसभा चुनाव 2024 में बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार दिलीप घोष के बयान पर टीएमसी की ओर से कड़ा जवाब दिया गया. पलटवार में कहा गया कि दिलीप घोष की यह टिप्पणी 'भाजपा का डीएनए' दर्शाती है. TMC के कीर्ति आजाद ने BJP पर यूं किया पलटवार:






पश्चिम बंगाल की मंत्री ने कहा, BJP का DNA दिखाते हैं ये बयान 


बंगाल की महिला और बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने दिलीप घोष से माफी की मांग की और कहा कि ये टिप्पणियां 'भाजपा के डीएनए' को दर्शाती हैं. शशि पांजा के मुताबिक, ‘‘उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए। यह टिप्पणियां भाजपा खेमे के डीएनए को दर्शाती हैं, जिससे भाजपा की स्त्रीद्वेषी मानसिकता की बू आती है. निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए.’’


राजनीतिक नेतृत्व के नाम पर दिलीप घोष हैं कलंक!- TMC


टीएमसी के 'एक्स' पोस्ट में कहा गया, ‘‘दिलीप घोष राजनीतिक नेतृत्व के नाम पर कलंक हैं! मां दुर्गा की वंशावली को चुनौती देने से लेकर अब ममता बनर्जी की वंशावली पर सवाल उठाने तक, वह नैतिक दिवालियापन की सबसे गंदी गहराइयों में डूबे हैं. एक बात बिल्कुल स्पष्ट है: घोष के मन में बंगाल की महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है, चाहे वह हिंदू धर्म की प्रतिष्ठित देवी हों या भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हों.’’


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