नई दिल्ली: दलितों और ठाकुरों के बीच जातीय संघर्ष में यूपी का सहारनपुर ऐसा फंसा कि आज तक सब कुछ ठीक नहीं हो सका है. यूपी पुलिस मान रही है कि सहारनपुर में 9 मई को हिंसा की आग में भीम आर्मी ने चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की अगुवाई में घी डाला था. चंद्रशेखर और उसके समर्थकों पर रामनगर में एक पुलिस चौकी, कई मोटर साइकिलें-कारें जलाने और पुलिस पर हमले का आरोप है.


सहारनपुर की हिंसा के मामले में चंद्रशेखर आरोपी है लेकिन आज तक पुलिस की पकड़ में आया नहीं. अब भीम सेना के संस्थापक चन्द्रशेखर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. उस पर 12000 रुपये का इनाम रखा जाएगा. यूपी पुलिस जिसे ढूंढ नहीं पा रही है वो चंद्रशेखर आजाद मिला एबीपी न्यूज को पंजाब के जालंधर में.


सहारनपुर हिंसा के बाद जिले के एसएसपी और सिटी मेजिस्ट्रेट को हटाया गया था. चंद्रशेखर इसी को भीम आर्मी की बेगुनाही का सबूत मान रहे हैं. अगर भीम आर्मी गलत तो अफसरों को क्यों हटाया. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर का कहना है कि वो सरेंडर के लिए तैयार है लेकिन उसकी शर्त है कि हिंसा के मामले में बेगुनाहों की जमानत होनी चाहिए.


भीम आर्मी दलितों का संगठन है जिसकी शुरूआत चंद्रशेखर आजाद ने की. सात राज्यों में भीम आर्मी की टीम है. पेशे से वकील चंद्रशेखर ने दो साल पहले एक सामाजिक संगठन के तौर पर भीम आर्मी का गठन किया था लेकिन 2 साल के भीतर ही भीम आर्मी हिंसा करने के आरोपों में घिर गया है. इसी विवाद के बीच एक ऑडियो क्लिप भी चर्चा में है जिसमें भीम आर्मी के लोग हथियार जुटाने और लोगों को मार गिराने की बातें करते सुने जाते हैं.