Noida Twin Tower Demolition: आखिरकार नोएडा में बनी भ्रष्टाचार की ऊंची इमारत मिनटों में जमींदोज हो गई. रविवार की दोपहर ढाई बजे पलक छपकते ही कुतुबमीनार से भी ऊंची बनी ट्विन टावर की बिल्डिंग धराशायी हो गई. नोएडा सुपर टेक की ये 30 और 32 मंजिला दो गगनचुंबी इमारतें 60 सेकेंड में धुएं के गुबार में बदल गईं. इसकी तैयारी पिछले कई महीनों से चल रही थी. भारत में पहली बार ऐसा हुआ है कि बस एक बटन दबाते ही 60 सेकंड के अंदर इतनी बड़ी बिल्डिंग को गिराया गया हो.


ऐसे धुएं के गुबार में बदला सुपरटेक ट्विन टावर


ट्विन टावर को गिराने के लिए बिल्डिंग में 9000 से ज्यादा छेद कर 3700 किलो बारूद भरा गया था. बिल्डिंग के गिरते ही बड़ा सा धुएं का गुबार बादल की तरह दिखा और तीन किलोमीटर इलाके तक धूल फैलती दिखी. इससे पहले ही इस धुएं और प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एंटी फॉगिंग गन और 75 वाटर टैंक तैयार खड़े थे. यूपीपीसीबी की तरफ से प्रदूषण का डाटा मापने के लिए आस पास 6 डाटा कलेक्ट सेंटर बनाये गए थे.






 


प्रदूषण कंट्रोल के पुख्ता इंतजाम के बीच ध्वस्त हुआ ट्विन टावर


इसके अलावे 3 कलेक्ट सेंटर इनर पेरीफेरल यानी 500 मीटर के दायरे में लगाए गए हैं जबकि तीन कलेक्ट सेंटर आउटर पेरीफेरल यानी 1 किलोमीटर के दायरे में लगाए गए हैं.


एक सेक्टर 108 में, एक सेक्टर 93 के ग्रीन बेल्ट में और एक गेझा गांव के बारात घर में लगाए गए हैं.


एक पार्श्वनाथ प्रेस्टीज सोसाइटी में, एक ओमेक्स फॉरेस्ट में और एक एस कैपिटल में लगाए गए हैं.


ये सभी मैनुअल एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटर स्टेशन बनाए गए थे और उनको मॉनिटर करने के लिए उसी जगह पर मशीन के साथ अधिकारी भी मौजूद हैं.


इसके अलावा यूपीपीसीबी की ओर से लाइव AQI मापने वाली मशीन सेक्टर 116, 125 और नॉलेज पार्क में लगाई गई हैं.


इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 3 लाइव डाटा देने वाले 3 AQI मॉनिटरिंग स्टेशन को भी ट्विन टावर डिमोलिशन के प्रभावित क्षेत्र में लगाया गया हैं.


एक ट्विन टॉवर से 2 किमी दूर हाजीपुर में, दूसरा डेढ किमी दूर मयूर स्कूल के पास और तीसरा सेक्टर 91 में लगाया गया हैं.






शाम 6.30 बजे के बाद लोग अपने घरों में जा सकेंगे


बिल्डिंग के ध्वस्त किए जाने के बाद पुलिस से लेकर एनडीआरएफ, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद हैं तो वहीं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए टैंकर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई हैं.


नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा, 'मोटे तौर पर, आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. अभी कुछ मलबा ही सड़क की तरफ आया है.हमें एक घंटे में स्थिति को लेकर बेहतर अंदाजा मिल जाएगा. सफाई की जा रही है. क्षेत्र में गैस और बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी. शाम 6.30 बजे के बाद लोगों को पड़ोस की सोसायटियों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.'


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