पटना: रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन करने के एक दिन बाद जेडीयू ने आज साफ किया कि पार्टी के एनडीए में जाने का सवाल ही नहीं उठता. जेडीयू के नेशनल स्पीकर केसी त्यागी ने कहा कि कोविंद जी के समर्थन का मामला अलग है. हम एनडीए में दोबारा वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि जेडीयू एकजुट विपश्र का हिस्सा बना रहेगा.

केसी त्यागी ने कहा कि कोविंद ने बिहार का राज्यपाल रहते हुए साकारात्मक भूमिका निभाई और राज्य सरकार के साथ कामकाज में कोई टकराव की स्थिति पैदा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कोविंद ने बिहार के राज्यपाल के रूप में दो साल के कार्यकाल के दौरान पद और मर्यादा का पालन किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके व्यहार और कार्यशैली से संतुष्ट थे. इसी वजह से राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया.

जेडीयू नेता ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने चार जून को द्रमुक संस्थापक एम करूणानिधि के 94वें जन्मदिन के मौके पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर सुझाया था. लेकिन एनडीए ने कोविंद के नाम की घोषणा कर हम सभी को अचंभित कर दिया. बिहार के राज्यपाल के रूप में कोविंद के व्यवहार और कार्यकुशलता की वजह से हम उनका समर्थन करने को मजबूर हुए.

केसी त्यागी ने कहा कि कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन किए जाने के बावजूद हम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को हर मोर्चे पर विफल मानते हैं और समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 370 और अयोध्या जैसे विवादित मुद्दे पर आज भी जेडीयू और बीजेपी के बीच मतभेद है.

जेडीयू नेता ने बुधवार को ही साफ कर दिया था कि राष्ट्रपति उम्मीदवार पर फैसला करने को लेकर विपक्षी पार्टियों की आज की बैठक में उनकी पार्टी शामिल नहीं होगी.