नई दिल्ली: चेकबुक बैन की खबरों का खंडन करते हुए आज मोदी सरकार ने साफ किया है कि सरकार का चेकबुक बैन करने का कोई विचार नहीं है. वित्त मंत्रालय ने आज ट्वीट कर यह जानकारी दी है. बता दें कि फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा था कि सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए चेकबुक बैन कर  सकती है. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा है, ‘’मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए आने वाले समय में चेक बुक बैन कर सकती है. सरकार चेक बुक बैन करने पर कोई विचार नहीं कर रही है और न ही सरकार के पास चेक बुक बैन करने का कोई प्रपोजल है.’’ आपको बता दें कि पिछले दिनों मीडिया में ऐसी खबरें थी कि सरकार नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए चेक बुक बैन कर सकती है. लेकिन आज वित्त मंत्रालय ने इन सभी अटकलों को खारिज कर दिया है.
क्या है चेक बुक? दरअसल चेक बुक बैंक की तरफ से अपने खातेधारक को दी जाने वाली एक किताब है. जिसपर खातेधारक का नाम लिखा होता है. इसके जरिए खातेधारक किसी अगले व्यक्ति को अपने खाते से कैश न देकर चेकबुक पर रकम और हस्ताक्षर करके भुगतान कर सकता है. यह भी पढ़ें- GST के बाद अब इस बड़े बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार, जानें क्या है पूरा प्लान? दिवालिया कानून में बदलाव के लिए अध्यादेश, जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों पर लगेगी लगाम रिपोर्ट में खुलासा, SBI सबसे बड़ा बैंक ही नहीं है, बल्कि इस काम में भी है सबसे आगे