Nitin Gadkari Exclusive Interview: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम घोषणापत्र में एक्सक्लूसिव बातचीत में मंगलवार (26 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधों से लेकर ईडी-सीबीआई की कार्रवाई पर खुलकर अपनी बात रखी. 


कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी से सवाल पूछा गया कि मेनका गांधी और वरुण गांधी को टिकट मिलने या न मिलने की अटकलें लग रही थीं, इसका सस्पेंस पांचवीं लिस्ट में खुला. इस पर बीजेपी सांसद ने कहा कि पहली लिस्ट राज्य के हिसाब से होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की टीम पार्लियामेंट्री बोर्ड के साथ चर्चा करती है, उसके अनुसार स्टेप बाय स्टेप निर्णय होता है. ये बहुत स्वाभाविक पद्धति होती है.


पहली लिस्ट में क्यों नहीं था नितिन गडकरी का नाम?


बीजेपी सांसद से घोषणापत्र कार्यक्रम में सवाल पूछा गया कि बीजेपी की पहली लिस्ट में नितिन गडकरी का नाम नहीं था. इस पर अटकलें लगने लगीं. क्या ये नहीं होना चाहिए कि बड़े नेताओं के नामों का एलान पहली ही लिस्ट में हो जाए, जिससे अटकलें न लगें. इस पर नितिन गडकरी ने कहा कि बीजेपी में एक पद्धति है, पहले राज्यों के अध्यक्ष और सभी प्रमुख टीम पार्लियामेंट्री बोर्ड के साथ चर्चा करती हैं.


 






उन्होंने कहा कि बीजेपी कैंडिडेट की पहली लिस्ट के समय उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात को लेकर चर्चा हुई. इन तीनों राज्यों को लेकर ही चर्चा हुई और इन राज्यों के प्रमुख नामों का एलान कर दिया गया. बीजेपी नेता ने कहा कि पहली बैठक में महाराष्ट्र को लेकर चर्चा ही नहीं हुई थी.


कब हुआ नितिन गडकरी के टिकट का फैसला?


नितिन गडकरी ने आगे कहा कि जैसे ही महाराष्ट्र के प्रत्याशियों को लेकर चर्चा हुई, उसकी पहली ही लिस्ट में मेरा नाम था. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कोई कारण और उद्देश्य नहीं था. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के कुछ लोगों ने इसकी चर्चा की, वरना लिस्ट बनते ही मेरा नाम आ गया.


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