Nishikant Dubey on Congress and Sikh Community: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर सिख समुदाय के साथ बार-बार राजनीतिक छल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कांग्रेस की ऐतिहासिक नीतियों और निर्णयों को निशाने पर लेते हुए कहा कि पार्टी ने सिखों को केवल राजनीतिक खिलौना समझा है.

उन्होंने अपने एक एक्स पोस्ट में दावा किया कि 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन की मदद से स्वर्ण मंदिर परिसर में सैन्य कार्रवाई करवाई थी. उन्होंने कहा, "ब्रिटेन की सेना के अधिकारी उस समय अमृतसर में मौजूद थे." निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि 1960 में पाकिस्तान को करतारपुर साहिब देने का फैसला तत्कालीन मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह द्वारा एक समझौते के तहत किया गया, जिससे सिखों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल विदेशी जमीन पर चला गया. 

बीजेपी सांसद ने कांग्रेस पर लगाए ये आरोप

बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि 1984 में स्वर्ण मंदिर पर हमले और निर्दोष श्रद्धालुओं की मौत के समय कांग्रेस ने जानबूझकर ज्ञानी जैल सिंह को राष्ट्रपति बनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय सिख समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज किया गया.

दंगे के आरोपियों को बचाने का आरोप

निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुख्य आरोपियों (एच.के.एल भगत, जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार) को बचाने के लिए 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह को कठपुतली प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया गया. उनका आरोप है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने और सिखों को शांत करने की रणनीति का हिस्सा था. उन्होंने कांग्रेस पर देशहित के बजाय विदेशी ताकतों के सामने सरेंडर करने का भी आरोप लगाया और कहा कि पार्टी की कथित आत्मसमर्पण नीति आज भी जारी है.

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