नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया गैंग रेप और हत्या मामले में नया डेथ वारंट जारी करने के मृतका के माता-पिता और दिल्ली सरकार के अनुरोध पर मंगलवार को चारों दोषियों से जवाब मांगा. ये चारों दोषी फांसी की सजा का सामना कर रहे हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने सभी (चारों) दोषियों को नोटिस जारी किया और कहा कि अदालत कल (बुधवार को) इस विषय पर सुनवाई करेगी. निर्भया के माता-पिता ने अदालत से कहा कि दोषी करार दिए गए व्यक्ति कानून का मजाक उड़ा रहे हैं.


इन दोषियों की फांसी की सजा की तामील के लिए नई तारीख तय किए जाने के वास्ते अधिकारियों (दिल्ली सरकार के) को निचली अदालत जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मिली छूट के बाद यह याचिका दायर की गई है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने मंगलवार को निचली अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि किसी भी दोषी ने पिछले सात दिनों में कोई कानूनी विकल्प नहीं चुना है, जो समयसीमा दिल्ली हाई कोर्ट ने दी थी. इन चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) शामिल हैं.


निचली अदालत ने सात फरवरी को दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल के अधिकारियों की वे याचिकाएं खारिज कर दी थीं जिनके जरिए मामले में चारों दोषियों की फांसी के लिए नयी तारीख की मांग की गई थी. अदालत ने हाई कोर्ट के पांच फरवरी के आदेश का संज्ञान लिया था जिसमें दोषियों को एक हफ्ते के अंदर अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी.


अदालत ने कहा था, ''दोषियों को ऐसे में फांसी देना पाप होगा, जब कानून उन्हें जीने का अधिकार देता है. हाई कोर्ट ने पांच फरवरी को दोषियों को न्याय के हित में इस आदेश के एक हफ्ते के अंदर अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.'' गौरतलब है कि निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. ये चारों तिहाड़ जेल में कैद हैं.


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