नई दिल्ली: 7 साल 3 महीने 3 दिन बाद निर्भया को इंसाफ मिला. सुबह 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया. दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया के गुनहगार फांसी के फंदे पर लटकाए गए. 16 दिसंबर 2012 की काली रात दिल्ली में चलती बस में निर्भया का गैंगरेप हुआ था. 6 लोगों ने निर्भया के साथ गैंगरेप किया, निर्भया और उसके साथी को बस से फेंका. गंभीर हालात में 13वें दिन 29 दिसंबर को निर्भया की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई.
निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए उनके माता पिता ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में इंसाफ मिलने तक सैकड़ों दिन सुनवाई में चले गए. निचली अदालत में यह केस 252 दिन चला, इसमें तीस दिन में आरोप तय हुए फिर 222 दिन बाद सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई.
हाईकोर्ट में 158 दिन केस चला जिसमें 89 दिन सुनवाई हुई. इस सुनवाई के 69 दिन बाद फैसला आया. निचली अदालत के मिला फांसी का फैसला हाई कोर्ट ने बरकरार रखा.
इसके बाद निर्भया का केस देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट में यह 1008 दिन चला. इसमें 969 दिन केस की सुनवाई हुई और फिर 39 दिन बाद फैसला सुनाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की जो 188 दिन बाद खारिज हो गई. लंबी अदालती प्रक्रिया के बाद आज 2652वें दिन निर्भया को इंसाफ मिला. चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया.