नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाये दोषी विनय कुमार की याचिका खारिज कर दी. विनय कुमार ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी. जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने विनय कुमार शर्मा की याचिका खारिज करते हुये कहा कि इसमें दया याचिका खारिज करने के आदेश की न्यायिक समीक्षा का कोई आधार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट सहित सारी सामग्री पेश की गयी थी और उन्होंने दया याचिका खारिज करते समय सारे तथ्यों पर विचार किया था. कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के मद्देनजर शर्मा की इस दलील को भी अस्वीकार कर दिया कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है और कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार उसकी सेहत ठीक है. निचली अदालत ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक के लिये चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को फांसी देने पर रोक लगा दी थी. ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं.
निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने गैंगरेप किया और दरिंदगी के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी. इन छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया.
कोर्ट रूम में बेहोश हुईं जस्टिस आर भानुमति जस्टिस आर भानुमति शुक्रवार को कोर्ट रूम में उस समय बेहोश हो गईं जब वह निर्भया मामले के चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की केंद्र की याचिका पर आदेश सुना रही थीं. हालांकि वह जल्द ही होश में आ गयीं और उन्हें वहां डायस पर बैठे अन्य जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के कर्मियों ने चैंबर में पहुंचाया. उन्हें इलाज के लिए व्हील चेयर पर ले जा गया. बाद में जस्टिस ए एस बोपन्ना ने कहा कि मामले में आदेश अब चैंबर में सुनाया जाएगा. मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ में जस्टिस अशोक भूषण भी शामिल हैं.