नई दिल्ली: निर्भया केस में आज चारों दोषियों को फांसी हो गई. लंबे समय से चले आ रहे इस केस में एक नाम जो अब किसी परिचय का मोहताज नहीं वह नाम एपी सिंह का है. एपी सिंह निर्भया मामले में दोषियों की तरफ से उनका केस लड़ रहे थे. वह दोषियों का बचाव कर रहे थे.


इस पूरे केस को इतने लंबे समय तक टालने की वजह एपी सिंह का कानूनी दांवपेंच ही रहा. वो लगातार हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में कानूनी दांव पेच के जरिए दोषी विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को बचाते आ रहे थे. एपी सिंह की वजह से ही कई बार फांसी तय तारीख पर टल गई.


कौन हैं एपी सिंह


एपी सिंह पेशे से एक वकील हैं और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वह दिल्ली में रहकर वकालत करते हैं. एपी सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय से लॉ ग्रेजुएट होने के साथ डॉक्टरेट की डिग्री भी ली है. वह 1997 से सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं.


वह सबसे पहले चर्चा में साल 2012 में आए, जब वह साकेत कोर्ट में निर्भया के दोषियों की ओर से केस लड़ने के लिए पेश हुए. इसके बाद से लगातार पिछले सात साल से ज्यादा समय से वह दोषियों को अपनी कानूनी दांवपेंच से बचाते रहे.


निर्भया मामले में केस लड़ने के दौरान वह कई बार निचली अदालत से उपरी अदालत तक में फटकार खा चुके हैं. उन पर इस मामले में हजारों रुपये का फाइन भी लग चुका है. हालांकि तमाम विवादों के वाबजूद एपी सिंह का मानना है कि यह सब उनके पेशे का हिस्सा है.


बता दें कि 6 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था.
सामूहिक दुष्कर्म के दौरान सभी 6 दरिंदों ने इस कदर निर्भया को शारीरिक प्रताड़ना दी कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.