नई दिल्लीः निरंकारी भवन ग्रेनेड हमले में पंजाब पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया है कि निरंकारी भवन ग्रेनेड अटैक के पीछे विदेशी कट्टरपंथियों की साजिश है. इस हमले के लिए पहले पाकिस्तान के लाहौर में प्लानिंग की गई और लोकल लड़कों का इस्तेमाल किया गया. पंजाब पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ लिया है और सीएमओ ने भी एक गिरफ़्तारी की बात मानी है.

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस घटना के पीछे कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है और ये पूरी तरह आतंकवाद का मामला है. निरंकारी भवन को इसलिए निशाने पर लिया गया क्योंकि उन्हें निशाना बनाना आसान था. हमें पहले भी इस संस्थान को निशाना बनाए जाने की जानकारी मिली थी जिसके बाद हमने एहतियाती उपाय लिए थे.

अमरिंदर सिंह ने कहा मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि मामले में शामिल दो में से एक शख्स को पकड़ लिया गया है. 26 साल के बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और दूसरे शख्स को भी जल्द गिरफ्त में ले लिया जाएगा जिसका नाम अवतार सिंह है.

ग्रेनेड हमले की पूरी साजिश बेनकाब पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुताबिक इस हमले के पीछे पाकिस्तान की सोची समझी साजिश थी. कश्मीर के साथ साथ पाकिस्तान से सटे पंजाब, राजस्थान और गुजरात में आईएसआई आतंक फैलाने की फिराक में है. आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि ग्रेनेड हमला खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स ने करवाया. इसकी लाहौर में प्लानिंग की गई जिसे दो लोकल युवकों ने अंजाम दिया. हमले में शामिल एक शख्स गिरफ्तार हो गया है और दूसरा फरार है. पिस्तौल दिखाने वाला बिक्रम सिंह गिरफ्तार हो चुका है जबकि ग्रेनेड फेंकने वाले अवतार सिंह की तलाश जारी है. बिक्रम अमृतसर के अजनाला का रहने वाला है. वहीं ग्रेनेड फेंकने वाले अवतार सिंह के पीछे पुलिस लगी है. अमृतसर के राजासांसी निरंकारी भवन पर ग्रेनेड हमले में खुलासे अमृतसर में हमला एचजी-84 ग्रेनेड से किया गया जो पाकिस्तानी सेना की आर्डिंनेंस फैक्टरी का ग्रेनेड था. आईएसआई की शह पर खालिस्तानियों ने ग्रेनेड हमला करवाया. ग्रेनेड एक पेड़ के नीचे जमीन में छुपाया गया था. अवतार और बिक्रम को वहां से ग्रेनेड उठाने का हुक्म मिला. इससे पहले खालिस्तानियों ने ग्रेनेड पुराने तरीके से स्पलाई किया. रविवार को निरंकारी भवन के सत्संग हाल में ग्रेनेड हमला सिख आतंकी संगठन खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स की करतूत थी. हमले का मास्टरमाइंड हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी बताया जा रहा है. लाहौर में बैठे पीएचडी ने आईएसआई के इशारे पर यह हमला दो लोकल मोडयूल से करवाया. आरोपी बिक्रम सिंह और अवतार सिंह अमृतसर की ही अजनाला तहसील के रहने वाले हैं. यह खुलासा पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को चंडीगढ में किया. हमले के वक्त बाइक बिक्रम चला रहा था और उसके पास पिस्तौल थी. निरंकारी भवन पहुंचने पर बिक्रम ने बाइट गेट के अंदर पार्क की. अवतार सिंह ग्रेनेड लेकर सतसंग हॉल की तरफ गया जबकि बिक्रम ने ग्रेट के पास पास खड़े चार सेवादारों पर पिस्तौल तान दी थी. चारों को गन प्वाइंट पर लेकर दीवार से सटा दिया. इतने में अवतार सिंह ने सत्संग हॉल में ग्रेनेड फेंका और भागकर वापस आ गया. गेट पर बिक्रम ने बाइक स्टार्ट की और अवतार सिंह को पीछे बिठाकर फरार हो गया.

कब हुई घटना अमृतसर के राजासांसी में रविवार 18 नवंबर को बड़ी आतंकी घटना हुई जिसमें निरंकारी भवन डेरे में दो मोटरसाइकिल सवारों ने ग्रेनेड से हमला किया था. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और करीब बीस लोग घायल हुए थे. जिस वक्त यह हमला हुआ उस समय निरंकारी पंथ का धार्मिक समागम चल रहा था और करीब 200 श्रद्धालु मौजूद थे. इसके बाद अमृतसर से बॉर्डर की तरफ जाने वाली सभी सड़कें सील कर दी गई थीं वहीं दिल्ली के निरंकारी आश्रम की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी.

अमृतसर: निरंकारी डेरे पर ग्रेनेड हमले में तीन की मौत, पंजाब पुलिस का आतंकी मूसा का हाथ होने से इनकार

NIA ने अमृतसर के निरंकारी भवन का दौरा किया, हमले के पीछे ISI या खालिस्तानी आतंकियों का हो सकता है हाथ