Nipah Virus Outbreak: केरल से राहत भरी खबर आ रही है, क्योंकि लगातार दूसरे दिन जानलेवा निपाह वायरस का एक भी केस सामने नहीं आया है. केरल सरकार ने रविवार को बताया कि राज्य में निपाह वायरस को काबू में कर लिया गया है. लगातार दूसरे दिन एक भी केस नहीं मिला है और संक्रमित मरीजों की हालत सुधर रही है. केरल में जब से निपाह वायरस के सामने आने की खबर आई है, तब से ही डर का माहौल बना हुआ था. 

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राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि वर्तमान में हालात काबू में हैं. कोझिकोड में निपाह के हालातों की समीक्षा करते हुए उन्होंने रिपोटर्स से बात की. उन्होंने कहा कि संक्रमित हुए चार लोग ठीक हो रहे हैं. नौ साल के एक बच्चे समेत चार संक्रमित मरीजों को अब वेंटिलेटर से हटा दिया गया है. निपाह वायरस को खतरनाक वायरस इसलिए माना जाता है, क्योंकि इससे संक्रमित हुए व्यक्ति के मारे जाने का खतरा 40 से 75 फीसदी तक है. 

मोनोक्नोनल एंटीबॉडी से हो रहा इलाज

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वर्तमान में निपाह वायरस से संक्रमित हुए लोगों का इलाज मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के जरिए किया जा रहा है. सरकार के पास अभी वायरस से लड़ने के लिए यही एकमात्र हथियार मौजूद है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में मौजूद मोनोक्लोनल एंटीबॉडी वेरिएंट 50 से 60 फीसदी तक ही प्रभावी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हमें आश्वासन दिया है कि वह नई और ज्यादा प्रभावी वर्जन वाली मोनोक्लोनल एंटीबॉडी देने वाला है. 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए चमगादड़ों के सैंपल

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 36 चमगादड़ों के सैंपल्स को पुणे की 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी' में भेजा गया है. इसके जरिए ये पता लगाया जाएगा कि कहीं चमगादड़ों के भीतर भी ये वायरस मौजूद तो नहीं है. उन्होंने बताया कि अभी तक 1233 लोगों की पहचान की गई है, जो संक्रमितों के संपर्क में आए थे. इसमें से 352 लोग ऐसे हैं, जो हाई-रिस्क कैटेगरी में आते हैं. निपाह के सामने आने के बाद हाल ही में कुछ लोगों को आइसोलेट भी किया गया था. 

निपाह वायरस की दूसरी लहर नहीं: स्वास्थ्य मंत्री

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 31 अगस्त को जिस व्यक्ति की निपाह वायरस की वजह से मौत हुई है. सभी संक्रमित लोगों उससे कॉन्टैक्ट में आने के बाद ही बीमार पड़े हैं. उन्होंने बताया कि इससे ये बात भी साफ हो जाती है कि वर्तमान में निपाह वायरस की कोई दूसरी लहर नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस अच्छी खबर बताया और कहा कि इसे जीनोमिक सीक्वेंसिंग के जरिए भी साबित किया जा सकता है, जो कि किया जा रहा है. 

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