NIA Action In Hizb Ut Tahrir Case: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) इन दिनों लगातार एक्शन में है. एक के बाद एक गिरफ्तारियां कर रही है. ताजा घटनाक्रम में एजेंसी ने सोमवार (03 फरवरी, 2025) को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) मामले में एक्शन लेते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये लोग भारत सरकार के खिलाफ साजिश करने का काम कर रहे थे और युवाओं को भड़का रहे थे.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कबीर अहमद अलीयार और बावा बहरुद्दीन उर्फ मन्नई बावा के रूप में हुई है. एनआईए के मुताबिक, आरोपी अन्य लोगों के साथ मिलकर हिज्ब-उत-तहरीर HuT की कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार कर रहे थे. इन्होंने गुप्त सभाओं का आयोजन किया और इस्लामिक देशों की सैन्य ताकत को दिखाने वाली एक प्रदर्शनी भी आयोजित की थी. इस प्रदर्शनी के जरिए वे लोगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और हिंसक जिहाद के लिए उकसा रहे थे.

पूरी दुनिया में खलीफा शासन चाहता है ये संगठन

इस मामले में एनआईए ने RC 01/2024/NIA/CHE के तहत कुल छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर की कट्टरपंथी और चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित थे. यह संगठन पूरी दुनिया में इस्लामिक खिलाफत (खलीफा शासन) स्थापित करने और अपने संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी द्वारा लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए काम कर रहा है.

भारत सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर पर लगाया हुआ है प्रतिबंध

भारत सरकार ने अक्टूबर 2024 में हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) को गैर-कानूनी संगठन घोषित करते हुए इसे UA(P) एक्ट 1967 के तहत प्रतिबंधित कर दिया था. एनआईए अब इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और फंडिंग की जांच कर रही है. 

इससे पहले पश्चिम बंगाल के भूपतिनगर बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली थी. बीते दिन एनआईए ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया था. इस विस्फोट में तीन लोगों की मौत हुई थी.

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