मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव में भीड़ को कथित तौर पर हिंसा के लिये उकसाने के मामले में शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर हनी बाबू और आदिवासी नेता स्टैन स्वामी समेत आठ लोगों के खिलाफ शुक्रवार को एक आरोप पत्र दाखिल कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.


एनआईए की प्रवक्ता एवं पुलिस उप महानिरीक्षक सोनिया नारंग ने कहा कि आरोपपत्र यहां एक अदालत के समक्ष दाखिल किया गया. जांच के दौरान आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया.


यह मामला 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.


यह मामला 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.


अन्य जिन लोगों को खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट के प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े, भीमा-कोरेगांव शौर्य दिन प्रेरणा अभियान समूह की कार्यकर्ता ज्योति जगताप, सागर गोरखे और रमेश गाइचोर शामिल हैं.


एनआईए ने आरोप पत्र में मिलिंद तेलतुंबड़े को भी आरोपी बताया है. वह अभी फरार हैं. एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को इस मामले की जांच अपने हाथों में ली है.