NGT Fines Karnataka: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कर्नाटक पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को लेकर 2,900 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है. कर्नाटक सरकार पर आरोप है कि वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ठोस और तरल कचरे का कथित रूप से प्रबंधन नहीं सकी है. इससे पहले भी एनजीटी ने कर्नाटक (Karnataka) सरकार पर 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. 


ये जुर्माना अनेकल तालुक में चंदपुरा झील को बनाए रखने और जल निकाय को बहाल करने में सरकार की विफलता के लिए लगाया गया था. एनजीटी ने अपने 10 अक्टूबर के आदेश में कहा था कि राज्य पर्यावरण की रक्षा करने और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में विफल रहा है. झील पारिस्थितिकी और पारिस्थितिकी तंत्र को भारी नुकसान हुआ है. इस प्रकार, राज्य को पर्यावरणीय मुआवजे का भुगतान करने और पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए. 


क्या कहा ट्रिब्यूनल ने?


एनजीटी ने आगे कहा कि झील के पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है. अवैध अतिक्रमण और निर्माण गतिविधियां व उद्योगों ने पर्यावरण मानदंडों का अनियंत्रित उल्लंघन किया. ट्रिब्यूनल ने कहा कि हालांकि मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किए हैं, लेकिन पहले से हुई क्षति की बहाली के रूप में कोई सार्थक अनुपालन नहीं है. उल्लंघन के लिए कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है और न ही प्रदूषणकारी उद्योगों से मुआवजा वसूल किया गया है. एनजीटी ने कहा कि राशि एक महीने के भीतर जमा की जा सकती है. ट्रिब्यूनल ने कहा कि राशि का उपयोग बहाली के उपायों के लिए किया जा सकता है. 


दिल्ली सरकार पर भी लगाया था जुर्माना


दो दिन पहले ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली (Delhi) सरकार पर भी शहर के तीन लैंडफिल में कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए 900 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि तीन लैंडफिल साइट पर 300 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे में से लगभग 80 प्रतिशत का निस्तारण नहीं किया गया. 


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