नई दिल्ली: नई संसद के निर्माण की तैयारियों को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में जनरल परपज कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में नई संसद कैसी होगी, उसका स्वरूप क्या होगा, क्या-क्या सुविधाएं होंगी. इन सब विषयों को लेकर सीपीडब्ल्यूडी और शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष एक प्रेजेंटेशन दिया.
साथ ही बैठक के दौरान तय किया गया कि 2022 जुलाई माह में होने वाला मानसून सत्र नई संसद में आयोजित किया जाएगा. बैठक के दौरान पता चला कि नई संसद का जो डिजाइन पेश किया गया है. उसमें सेंट्रल हॉल की व्यवस्था नहीं की गई है. यानी कि नई संसद में अब सेंट्रल हॉल नहीं होगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार जल्द ही नई संसद का काम शुरू करने की तैयारी में है. नई संसद के लिए टेंडर भी हो चुका है. तैयारियों को लेकर गुरुवार को संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में बैठक की गई. जरनल परपज कमिटी (जीपीसी) के सामने शहरी विकास मंत्रालय ने नई संसद को लेकर प्रजेंटेशन दिया.
कमिटी के समक्ष वर्ष 2022 की जुलाई माह का सेशन नई संसद भवन में कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. बैठक के दौरान सदस्यों की तरफ से सुझाव दिए गए कि नई संसद में राज्यों की झलकियों को प्रतिबिंबित किया जाए. संसद का क्या स्वरूप हो, क्या सुविधाएं रखी जाएं और व्यवस्थाएं की जाए इस पर भी लिए गए सुझाव. सूत्रों की माने तो भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए 1000 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में 10 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सदस्य होगा. जिससे सदस्यों की संख्या भी बढ़ेगी.
नई संसद में सेंट्रल हॉल नहीं होगा
जनरल परपज कमिटी की बैठक के दौरान जो डिजाइन पेश किया गया. उसमें सेंट्रल हॉल का प्रावधान नहीं रखा गया है. माना जा रहा है कि संसद में नई सेंट्रल हॉल का कोई औचित्य नहीं है. जबकि प्रत्येक सांसदों के लिए अलग से कमरा, लाइब्रेरी, मीटिंग हॉल व अन्य सभी चीजों की व्यवस्था की गई है. बैठक में लोकसभा अध्यक्ष के अलावा, यूडी मिनिस्टर हरदीप पुरी, सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, सभी संसदीय कमेटियों के अध्यक्ष और डीजी सीपीडब्ल्यूडी मौजूद रहे.