नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस में उठे सियासी बवंडर के बीच पार्टी ने मंगलवार को फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी. पार्टी को उम्मीद है कि उसमें उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक शामिल हो सकते हैं.
मंगलवार को कांग्रेस विधायक की फिर बैठक
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "एक बार फिर हम सचिन पायलट, सभी विधायक साथियों को लिखकर भी भेज रहे हैं. उनसे अनुरोध करते हैं कि आइए राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करें. राजस्थान को कैसे मजबूत करें, ये चर्चा करें. अगर किसी व्यक्ति विशेष से कोई मतभेद है तो खुले मन से कहें. कांग्रेस नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी सबकी बात सुनने और उसका हल निकालने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं." हालांकि सोमवार सुबह हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होनेवालों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई थी.
सोमवार की बैठक में नहीं पहुंचे थे पायलट और कुछ विधायक
सचिन पायलट के बगावती तेवर अपनाने के बाद सोमवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे. बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था प्रकट की गई और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन जताया गया. बाद में दावा किया गया कि गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन हासिल है. मगर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया. हालांकि कई पार्टी नेताओं ने 106 विधायकों के मौजूद होने की बात जरूर कही. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, गहलोत सरकार के प्रति अपना समर्थन जताने वाले 100 से अधिक विधायकों को जयपुर के फेयर मॉन्ट होटल में रखा गया है.
गहलोत गुट के विधायकों को होटल में रखा गया
विधायक दल की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत दिया था और पायलट समेत दूसरे अन्य विधायकों के बैठक में आने की संभावना जताई थी. मगर पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के कई अन्य नेता पायलट के संपर्क में हैं. पायलट के करीबी सूत्रों ने गहलोत सरकार के पास बहुमत होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बहुमत मुख्यमंत्री आवास पर नहीं, विधानसभा में साबित होता है. पायलट ने रविवार शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है. दूसरी तरफ, कांग्रेस के विधायकों का फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया जाना इस बात का संकेत है कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा संकट के निपटने तक हो सकता है ये विधायक वहीं रुकें.
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