Nehru Museum Row: दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलने के बाद से ही राजनीति चरम पर है. बीजेपी ने इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि कांग्रेस इसे बेवजह एक मुद्दा बना रही है. 

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प्रह्लाद जोशी ने कहा, "हम अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों को पार्टी से ऊपर उठकर सम्मान दे रहे हैं. कांग्रेस पार्टी बेवजह इसे मुद्दा बना रही है. मुझे नहीं पता कि इसमें दिक्कत क्यों है. हमारे देश के सभी प्रधानमंत्रियों की तरफ से किए गए योगदान के बारे में युवाओं को एक वीडियो क्लिप के माध्यम से सिखाया जा रहा है, जिसे संग्रहालय में चलाया जाता है.''

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया 

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नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है, "नेहरू जी अपने काम के लिए जाने जाते हैं, न कि सिर्फ अपने नाम के लिए. उनकी पहचान उनके करम हैं उनका नाम नहीं."  

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला 

इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा था, "बीजेपी का एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है. उन्होंने एन को मिटाकर उसकी जगह पी डाल दिया है. लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे."

16 सालों तक यहां रहे थे जवाहरलाल नेहरू 

बता दें कि, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) को 1929-30 में शाही राजधानी के तौर पर सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था. जवाहरलाल नेहरू यहां 16 वर्षों तक रहे और उनकी मृत्यु के बाद सरकार ने उनके सम्मान में तीन मूर्ति हाउस को एक संग्रहालय और पुस्तकालय में बदलने का फैसला लिया. 

एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने 2016 में मेमोरियल को देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने की मंजूरी दी थी. 16 जून 2023 को इसका नाम बदलने का फैसला लिया गया था. 

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