पहलगाम आतंकी हमले पर किए गए विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भोजपुरी सिंगर नेहा सिंह राठौड़ के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग से भी मना कर दिया है. 

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नेहा ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और बीजेपी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किए थे. उन पर संवेदनशील समय में अशांति पैदा करने और देशविरोधी बातों का प्रचार करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था.

नेहा सिंह की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा, 'मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि मेरा ये पोस्ट विद्रोह कैसे हुआ? पोस्ट के लिए मुझ पर विद्रोह का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.' जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी.

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नेहा सिंह की दलीलों पर जस्टिस जेके महेश्वरी ने नेहा सिंह से कहा कि जाओ और मुकदमे का सामना करो. उन्होंने नेहा सिंह से कहा कि वह ट्रायल के दौरान ये दलीलें दे सकती हैं, उन्हें इसकी आजादी दी जा सकती है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा, 'वो आजादी मेरे पास पहले से है... मुझ पर विद्रोह का मुकदमा कैसे चलाया जा सकता है? सिर्फ इसलिए कि मैंने किसी के बारे में कुछ कहा, इसका मतलब ये नहीं कि...'

कोर्ट ने कहा कि इस समय वह इन दलीलों पर कुछ नहीं कहना चाहता कि नेहा सिंह के खिलाफ विद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए या नहीं, लेकिन उन्हें इसकी आजादी दे सकते हैं कि जब उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएं तो तब वह ये दलीलें दे सकती हैं. 

नेहा सिंह की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता पर युद्ध छेड़ने के आरोप लगाए जा रहे हैं, क्या वह पोस्ट के जरिए युद्ध छेड़ सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस दौरान नेहा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया तो. 

(निपुण सहगल के इनपुट के साथ)