नई दिल्ली: संसद में हुई एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून पर हमने कुछ गलत नहीं किया, हमें फ्रंट फुट पर रहना चाहिए. रक्षात्मक होने की कोई जरूरत नहीं है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम भी इस देश के उतने ही नागरिक हैं जितने बाक़ी लोग हैं. उनका भी उतना ही हक और कर्तव्य है जितना बाकी नागरिकों का है.


एनडीए की बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया ये प्रस्ताव


एनडीए बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में पीएम मोदी के नेतृत्व में फिर से विश्वास जताते हुए कहा गया कि एनडीए चट्टान की तरह उनके पीछे खड़ा है. प्रस्ताव में कहा गया कि नागरिकता कानून के ज़रिए महात्मा गांधी के सपने को साकार किया गया. इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पेश किया था. प्रस्ताव में बोडो समझौता, धारा 370, नागरिकता कानून और करतारपुर का ज़िक्र किया गया.


नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीजेपी की दलील


बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर बीते दिनों में बीजेपी ने जनसंपर्क अभियान चलाया. देशभर में बीजेपी के नेताओं ने जनता से संपर्क स्थापित किया और ये समझाने की कोशिश की कि सीएए नागरिकता देने का कानून है, इसमें किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. खुद अमित शाह गृहमंत्री ने कई रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने विपक्ष को इस कानून पर बहस करने की चुनौती दी. दिल्ली चुनाव में भी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश हो रही है.


विपक्ष कर रही है नागरिकता संशोधन कानून का विरोध


वहीं विपक्ष इस कानून को संविधान के खिलाफ बताकर सरकार को घेर रही है. देश के कई हिस्सों में इसको लेकर अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है. खासकर दिल्ली का शाहीन बाग सुर्खियों में है जहां एक महीने ज्यादा समय से नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. जैसे जैसे समय बीत रहा है दिल्ली के शाहीन बाग का प्रदर्शन भी चुनाव का मुद्दा बनता जा रहा है.