नई दिल्ली: देश में सहकारी बैंकों की खराब हालात को देखते हुए NCP चीफ शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी के बारे में जवाब देते हुए पवार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैंने 100 से ज्यादा सालों की विरासत वाले सहकारी बैंकों के 'सहकारी’ चरित्र के संरक्षण के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में शरद पवार ने लिखा है कि पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में सहकारी बैंकों का जिक्र किया है.
पवार ने की पीएम मोदी के बयान की तारीफ
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के अधीन लाने की बात कही थी. पवार ने पीएम मोदी के इस बयान की तारीफ करते हुए कहा कि यह वास्तव में स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन इसके साथ ही 100 से ज्यादा सालों की विरासत वाले सहकारी बैंकों के 'सहकारी’ चरित्र को भी बचाने की कोशिश की जानी चाहिए.
पवार ने आगे कहा कि सहकारी बैंक ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद देश की बैंकिंग प्रणाली में सहकारी बैंकों की हिस्सेदारी सिर्फ तीन प्रतिशत है. बता दें कि देश के 1544 अर्बन कोओपरेटिव बैंक में से 849 बैंकों की डिपॉजिट 100 करोड़ से भी कम है.
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