राजनीति में अपनी बात मनवाने के लिए इस्तीफे की धमकी देना और इस्तीफा देकर रूठ जाने का इजहार करना, ये तो पुरानी रणनीति है. लेकिन, सिद्धू के केस में ये सिलसिला उन दिनों से शुरू हो जाता है, जब वो क्रिकेट खिलाड़ी थे. मैदान छोड़कर अपनी बात मनवाने की तरकीब बहुत पहले से सिद्धू करते आ रहे हैं. पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराजगी और फिर इस्तीफा क्रिकेट के मैदान से लेकर सियासत की पिच तक बीच में खेल छोड़ निकल जाना और सामने वाले पर दबाव बनाना सिद्धू इस रणनीति के पुराने खिलाड़ी हैं.  ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर सिद्धु ने कब-कब इस्तीफे वाला दांव खेला है. 

बात साल 1996 की है, जब मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर गयी थी. उस वक्त अपने कैप्टन अजहरूद्दीन से सिद्धू का विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि सिद्धू ने अपना किट पैक किया और इंग्लैड से सीधे वापस भारत आ गए, यानी दौरा बीच में छोड़ दिया.

हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी, और कहा था कि गलती उनकी थी. बाद में पता चला था कि अजहर अक्सर उन्हें कुछ ऐसा बोलते थे, जिसे सिद्धू ने गाली समझ लिया और इसीलिए नाराज होकर वो वापस लौट गए थे. हालांकि, इसके बाद अजहरूद्दीन के साथ उनकी कई तस्वीरें भी आयी थी. बाद में दोनों ही कांग्रेस पार्टी में एक साथ आ गए थे. इस घटना को 25 साल हो गए लेकिन सिद्धू का अंदाज वही है.

सिद्धू का पॉलीटिकल करियर

2004 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद बनें

2006 में सिद्धू ने रोडरेज की एक घटना के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया

फरवरी 2007 में उपचुनाव में फिर से शानदार जीत हासिल की

2014 में अमृतसर से टिकट नहीं मिला तो नाराज हुए

अप्रैल 2016 में बीजेपी ने सिद्धू को राज्यसभा का सांसद मनोनीत किया

18 जुलाई 2016 को सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया

15 जनवरी 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए

14 जुलाई 2019 को सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया

18 जुलाई 2021 को नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए थे

71 दिन बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

साफ है कि सिद्धू अपनी पसंद की पिच पर अपने मन का खेल दिखाना चाहते हैं. उन्हें ये कतई गवारा नहीं कि उनकी बैटिंग के दौरान नॉन स्ट्राइक एंड से कोई दूसरा बैट्समैन रन बनाए. ऐसे में अगर नॉन स्ट्राइकर रन बना देते हैं तो वह पिच नहीं मैदान छोड़कर निकल लेते हैं.

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