केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सीजीएसटी के एक मामले की फाइल को निपटाने के बदले 4 लाख रुपए की घूसखोरी के मामले में संयुक्त आयुक्त समेत एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए 7 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है.


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के नाम संयुक्त आयुक्त मुकुल पाटिल और चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत राजेंद्रकर है. ये सीजीएसटी नागपुर में तैनात थे. इस मामले में शिकायतकर्ता ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत दी थी कि उसके खिलाफ सीजीएसटी नागपुर से एक कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था. इस मामले की फाइल को लेकर जब वह नागपुर स्थित सीजीएसटी कार्यालय गया तो वहां उससे मामले की फाइल को निपटाने के बदले लाखों रुपए की मांग की गई.


 आरोप है कि साढ़े चार लाख रुपए की यह मांग एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए की गई. आरोप के मुताबिक शिकायतकर्ता को धमकाया गया कि यदि उसने रिश्वत नहीं दी तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. शिकायत के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामले की आरंभिक जांच की और इस जांच के दौरान जब आरंभिक तथ्य पाए गए तो विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर 4 लाख रुपए की रिश्वत ले रहे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.


गिरफ्तारी के फौरन बाद सीबीआई ने दोनों आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान संयुक्त आयुक्त के ठिकाने से लगभग साढ़े सात लाख की नगदी एवं ढाई सौ ग्राम सोना और एक लॉकर की चाबी बरामद की गई. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को सीबीआई मामले के विशेष न्यायाधीश के सामने पेश किया गया जहां से पूछताछ के लिए उन्हें 7 मई तक सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है. मामले की जांच जारी है.


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