Jammu Kashmir Mysterious Disease: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के एक छोटे से गांव बधाल में पिछले एक महीने में रहस्यमयी बीमारी की वजह से 14 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें छह वर्षीय बच्ची भी शामिल है. इस घटना से गांव में भय और असमंजस का माहौल बन गया है. इस बीमारी ने पहले तीन परिवारों के 11 बच्चों और तीन वयस्कों को अपनी चपेट में लिया. जानकारी के अनुसार अब तक 14 मौतें हो चुकी हैं जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस पर गंभीरता से ध्यान देना शुरू कर दिया है.
इस बीमारी की वजह से लगातार बढ़ती मौतों को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य जोखिमों का समाधान निकालने के लिए अलग-अलग दलों को तैनात किया है. अधिकारियों के अनुसार सरकारी स्वास्थ्य दलों ने नमूने इकट्ठे करके जांच शुरू कर दी है. जम्मू के एक हॉस्पिटल में सफीना कौसर नामक बच्ची की मौत हुई थी और इसी हॉस्पिटल में पिछले दो दिनों में उसके तीन अन्य भाई-बहनों की भी मौत हो गई. वहीं दो अन्य बच्चे अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके अलावा इन बच्चों के दादा मोहम्मद रफीक की भी सोमवार (13 जनवरी) को राजौरी के एक हॉस्पिटल में मौत हो गई. इस रहस्यमयी बीमारी ने गांव के लोगों को और भी डरा दिया है.
क्या है मौतों की वजह?
शुरुआत में ये माना जा रहा था कि मौतें फूड प्वाइजनिंग की वजह से हुई हैं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया अधिकतर ग्रामीणों ने एक जैसे लक्षणों की शिकायत की. इससे ये धारणा बनने लगी कि ये कोई सामान्य बीमारी नहीं है. इसके बाद सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बयान दिया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि इन मौतों की वजह शायद वायरल संक्रमण हो सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस पर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और ज्यादा अध्ययन करने की जरूरत है.
विशेषज्ञों की टीम ने किया गांव का दौरा
इन रहस्यमयी मौतों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने अलग-अलग प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञों को बुलाया. इस दौरान पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) दिल्ली के विशेषज्ञों की एक टीम गांव का दौरा कर चुकी है. इन विशेषज्ञों ने बधाल गांव में जाकर स्थिति का निरीक्षण किया और नमूने इकट्ठे किए. विशेषज्ञों का मानना है कि इस रहस्यमयी बीमारी की वास्तविकता जल्द ही सामने आ सकती है, लेकिन इसके लिए और अधिक जांच की जरूरत है.
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस पर गंभीर कदम उठाए हैं. विशेषज्ञों की टीम के निरीक्षण और रिपोर्ट्स के आधार पर अगले कदमों का निर्धारण किया जाएगा. साथ ही स्थानीय लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे किसी भी प्रकार के लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत मेडिकल सहायता लें. इसके अलावा सरकार ने लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर अलग से उपाय करने की योजना बनाई है.