जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर तक पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए एक मुस्लिम परिवार ने सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम करते हुए खेती योग्य अपनी छह कनाल जमीन दान की है.


परिवार के चार भाइयों में से एक गुलाम रसूल ने कहा कि गुप्त काशी गौरी शंकर मंदिर के लिए सड़क निर्माण के लिए स्वेच्छा से जमीन सौंपने के उनके फैसले का दोनों समुदायों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.


भाईचारे के साथ रहते हैं हिंदू-मुस्लिम, रसूल ने कहा
पूर्व उपसरपंच रसूल ने कहा, 'हम सदियों से शांति और भाईचारे के साथ एकसाथ रह रहे हैं... एक-दूसरे की मजबूरियों को समझना, समर्थन देना और अपने देश की प्रगति और विकास के लिए भाईचारा को हमेशा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है.'


रियासी जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, काशी पट्टा गांव में शिव मंदिर को डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह द्वारा अठारहवीं शताब्दी में चिनाब नदी के तट पर बनाया गया था. इसे छोटा काशी के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर परिसर में एक श्मशान भूमि भी है.


मंदिर के लिए दान के करोड़ों की जमीन
मंदिर तक जाने का एकमात्र रास्ता खेतों के बीच से एक नदी के किनारे से होकर गुजरता था. रसूल के परिवार के अलावा कई अन्य हिंदू परिवारों ने भी सड़क निर्माण के लिए अपनी जमीन दान में दी.


पंद्रह साल से अधिक समय तक स्थानीय अदालत में काम कर चुके रसूल ने पीटीआई-भाषा से बताया, 'कुछ साल पहले, मैंने एक श्रद्धालु को मानसून के दौरान नदी के उफान के कारण मंदिर में दर्शन किए बिना लौटते देखा था. मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने मंदिर तक उचित सड़क सुनिश्चित करने के लिए कुछ करने का फैसला किया.'


रसूल ने कहा कि हालांकि मंदिर प्रबंधन या हिंदू समुदाय से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया, लेकिन उन्होंने परिवार के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा की और उन्होंने स्वेच्छा से कुछ साल पहले सड़क के निर्माण के लिए अपनी जमीन का एक हिस्सा देने का फैसला किया.


हम इसे गुप्त रखना चाहते थे, बोले रसूल
रसूल ने कहा, 'हम इसे गुप्त रखना चाहते थे, लेकिन हाल ही में लोगों को किसी तरह पता चला और उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सभी ने, विशेष रूप से हमारे समुदाय के लोगों ने, हमारे फैसले की सराहना की.'


स्थानीय निवासी राहुल कुमार ने कहा कि समुदाय मुस्लिम परिवार की उदारता की सराहना कर रहा है, जिसने सड़क के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने कहा, 'मुख्य सड़क से मंदिर तक लगभग 1200 मीटर लंबी सड़क का आधा हिस्सा पूरा हो चुका है.' उन्होंने उम्मीद जताई कि सड़क के बाकी हिस्से का निर्माण भी प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा करेगा.


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