तेलंगाना में भारी बारिश के बाद हैदराबाद को बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हिमायत सागर और उस्मान सागर जलाशयों में जल स्तर बढ़ने के कारण अधिकारियों ने शुक्रवार को गेट खोल दिए, जिससे मूसी नदी में बाढ़ का पानी तेजी से उफान पर आ गया. चादरघाट क्षेत्र के मूसा नगर और शंकर नगर जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस आया, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई. ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) ने 55 परिवार को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है.
भारी वर्षा के कारण हिमायत सागर और उस्मान सागर में भारी जल प्रवाह दर्ज किया गया. हाइड्राबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (एचएमडब्ल्यूएसएसबी) ने दोपहर 12 बजे तक उस्मान सागर के आठ गेट और हिमायत सागर के चार गेट खोले, जबकि शाम 5 बजे तक कुल 12 गेट उस्मान सागर के और 9 गेट हिमायत सागर के खोल दिए गए. इससे मूसी नदी में लगभग 22,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके परिणामस्वरूप चादरघाट का निचला पुल डूब गया. मूसा नगर और शंकर नगर में स्थित आवासीय कॉलोनियों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग अपने सामान बांधकर भागने लगे. वीडियो फुटेज में दिखा कि स्थानीय लोग पुलिस की चेतावनी पर घरों से सामान उठाकर ऊंचे स्थानों की ओर दौड़ रहे हैं.
इन इलाकों से लोगों को हटाया गया
पुलिस और जीएचएमसी की टीमें पूरे दिन सक्रिय रहीं। शिवाजी ब्रिज और भू लक्ष्मी मंदिर के निकटवर्ती इलाकों से प्रभावित परिवारों को गोदे-की-खबार जीएचएमसी कम्युनिटी हॉल में स्थानांतरित किया गया, जहां उन्हें अस्थायी आश्रय, भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि हुसैन सागर का जल स्तर भी पूर्ण टैंक स्तर (+513.41 मीटर) से ऊपर पहुंचकर 513.45 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि अधिकतम जल स्तर 514.75 मीटर है. प्रवाह 680 क्यूसेक था, जबकि निकास 895 क्यूसेक रहा. मूसारामबाग ब्रिज और जियागुड़ा रोड पर यातायात बंद कर दिया गया है, और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है.
1908 की बाढ़ की याद दिला रहा मंजर
मूसी नदी का यह उफान 1908 की भयानक बाढ़ की याद दिला रहा है, जब नदी के उफान से शहर को भारी नुकसान हुआ था. उस विनाशकारी घटना के बाद ही हिमायत सागर और उस्मान सागर का निर्माण किया गया था, जो शहर को बाढ़ से बचाने के लिए बनाए गए थे. वर्तमान में, एचएमडब्ल्यूएसएसबी ने दो बाढ़ चेतावनियां जारी की हैं और निचले इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने को कहा है. राजस्व, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित विभाग समन्वय बनाकर काम करें. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश जारी रही, तो मूसी के किनारे बसे अन्य इलाकों जैसे अतापुर, नागोले और जियागुड़ा में भी खतरा बढ़ सकता है. निवासियों से अपील की गई है कि नदी किनारे न जाएं, पुलों से दूर रहें और जीएचएमसी के निर्देशों का पालन करें. फिलहाल कोई हताहत की खबर नहीं है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है.