Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हिंसा की किसी भी घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बल कड़ी निगरानी रख रहे हैं. वहीं, मामले को लेकर राजनीति भी हो रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने मंगलवार (15 अप्रैल, 2025) को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बीजेपी नेता ने कहा, “राज्य में कानून स्थापित करना राज्य सरकार का दायित्व होता है. पश्चिम बंगाल में जिस तरह से हिंसा बढ़ रही है, उससे पता चलता है कि यह सब ममता सरकार के संरक्षण में हो रहा है. अब रक्षक ही भक्षक बन गए हैं. पुलिस कुछ नहीं कर रही है. यह राज्य प्रायोजित हिंसा है. जब सरकार ही हिंसा को बढ़ावा देने वाली बन गई है, तो लोगों की सुरक्षा कौन करेगा.”
‘सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी शामिल’
उन्होंने आगे कहा, “सीएम (ममता बनर्जी) ने कहा कि वह राज्य में वक्फ एक्ट लागू नहीं होने देंगी, और उनके बयान से लोगों को भड़काया जा रहा है, जिसके बाद हिंसा बढ़ती जा रही है. हिंदुओं का पलायन हो रहा है, उन पर हमले हो रहे हैं. इसमें सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अवैध घुसपैठिए भी शामिल हैं. अगर राज्य सरकार लोगों के अधिकारों की रक्षा करने में सक्षम नहीं है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.”
बड़ी संख्या में फोर्स तैनात
जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), राज्य सशस्त्र पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है. हालांकि, इलाके में पिछले 48 घंटों में हिंसा की कोई नयी घटना नहीं हुई है. राज्य पुलिस ने कहा कि मुर्शिदाबाद के दंगा प्रभावित इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, दुकानें खुल रही हैं और विस्थापित परिवार वापस आने लगे हैं.
वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर शुक्रवार और शनिवार को जिले के सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित कई इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन जल्द ही झड़पों में बदल गए, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए और कई घायल हो गए.