Sameer Wankhede Case: एंटी ड्रग्स एजेंसी एनसीबी के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि क्रूज से ड्रग्स की जब्ती मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ‘क्लीन चिट’ देना और उनके खिलाफ मौजूद सबूतों को दबाना एनसीबी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) का अंतिम मकसद था.


हाई कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज रिश्वत और उगाही के मामले में वानखेड़े की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक की अवधि गुरुवार को 23 जून तक के लिए बढ़ा दी. वानखेड़े ने अपने हलफनामे में दावा किया, ''एसआईटी ने ईमानदार अधिकारियों के करियर और चरित्र को नुकसान पहुंचाने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया और झूठे आरोप लगाए हैं.”


कोर्ट ने 23 जून तक के लिए गिरफ्तारी पर लगाई रोक


पूर्व निदेशक ने हलफनामे में यह भी दावा किया गया है कि एसआईटी ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए भौतिक जानकारी और सबूतों को दबाकर आर्यन खान को ‘क्लीन चिट’ दी. वानखेड़े ने रिश्वतखोरी और जबरन वसूली के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका में जबावी हलफनामा दाखिल किया.


सीबीआई का आरोप है कि वानखेड़े और चार आरोपियों ने कॉर्डेलिया जहाज से मादक पदार्थों की कथित जब्ती मामले में आर्यन खान को आरोपी नहीं बनाने के लिए शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने एनसीबी की ओर से की गई लिखित शिकायत के आधार पर वानखेड़े और दूसरे आरोपी के खिलाफ पिछले महीने मामला दर्ज किया था.


जस्टिस ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति एस जी दीगे की खंडपीठ ने कहा कि वह सीबीआई की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी को खारिज करने संबंधी वानखेड़े की याचिका पर 23 जून को सुनवाई करेगी. हाई कोर्ट ने मामले में वानखेड़े की गिरफ्तारी पर लगाई गई अंतरिम रोक की अवधि भी 23 जून तक के लिए बढ़ा दी.


एसआईटी की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण- वानखेड़े


एनसीबी ने कॉर्डेलिया क्रूज से मादक पदार्थ की बरामदगी मामले में वानखेड़े पर अनियमितताओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. इस मामले में आर्यन खान को तीन अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर हाई कोर्ट ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी.


वानखेड़े ने आरोप लगाया, “एसईटी ने कॉर्डेलिया क्रूज मामले के बारे में संदेह पैदा करने की पूरी कोशिश की, ताकि वह आर्यन खान को ‘क्लीन चिट’ देने के अपने अंतिम मकसद को पूरा कर सके.” उन्होंने अपने हलफनामे में कहा कि एसईटी की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण थी. इसे सिर्फ वानखेड़े से ‘बदला लेने’ के लिए तैयार किया गया था. क्योंकि एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह उनके खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश रखते थे. वानखेड़े ने दावा किया कि उन्होंने अगस्त 2022 में सिंह के खिलाफ ‘गंभीर जातिगत अत्याचार’ करने की शिकायत दर्ज कराई थी. 


सीबीआई ने कोर्ट में कहा जांच अब अहम चरण में 


क्रूज में मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में आर्यन खान के साथ सेल्फी खींचने के एक स्वतंत्र गवाह के कदम का बचाव करते हुए वानखेड़े ने हलफनामे में कहा कि आर्यन के सेलेब्रिटी दर्जे के मद्देनजर कई लोग उनके साथ फोटो खिंचवाना चाहते थे. हलफनामे में दावा किया गया है कि गवाह केपी गोसावी ने एनसीबी की अनुमति के बिना आर्यन के साथ सेल्फी ली थी. 


वानखेड़े के वकील आबाद पोंडा ने अदालत को बताया कि अदालत के पूर्व के निर्देशों के अनुसार भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी सीबीआई के समक्ष सात बार पेश हुए हैं और जांच में सहयोग कर रहे हैं. सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने अदालत को बताया कि मामले में जांच अब अहम चरण में हैं. पीठ ने कहा कि वह वानखेड़े की याचिका पर 23 जून को सुनवाई करेगी.


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