पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी को 15 साल की सजा सुनाई है. उसे यह सजा टेरर फंडिंग केस में सुनाई गई है.


इससे पहले आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप में पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने जकीउर रहमान लखवी को गिरफ्तार किया था. आतंकी लखवी को आतंकियों को वित्तीय मदद देने का दोषी पाया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जकीउर ने आतंकवाद को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और आतंकियों को वित्तीय मदद भी दी थी.


इस मुद्दे को लेकर इससे पहले सीटीडी ने कहा था कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के अलावा वह संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकियों की सूची में भी शामिल है. इसने कहा था- 'उसके खिलाफ मुकदमा लाहौर में आतंकवाद निरोधक अदालत में चलेगा.'


सीटीडी ने कहा था- "लखवी पर एक दवाखाना चलाने, जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करने का आरोप है. उसने और अन्य ने इस दवाखाने से पैसा इकट्ठा किए और इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में किया. उसने इस पैसे का इस्तेमाल निजी खर्च में भी किया."


जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी.


लश्कर ए तैयबा और अल-कायदा से जुड़े होने और ‘‘आतंकवाद के लिए वित्त पोषण, योजना, सहायता मुहैया कराने या षड्यंत्र रचने’’ की खातिर लखवी को संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.


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