Mukhtar Ansari Died: मुख्तार अंसारी वो नाम है, जिसकी चर्चा पूर्वांचल के लोगों के बीच 'रॉबिनहुड' के तौर पर होती थी. हालांकि, लोग इस बात को भी भलीभांति जानते थे कि मुख्तार 'रॉबिनहुड' से पहले बाहुबली और माफिया डॉन है. पूर्वांचल के इस डॉन की गुरुवार (28 मार्च) को बांदा मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार को जिला जेल से अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
मुख्तार अपने जमाने में एक बेहतरीन क्रिकेट का खिलाड़ी था. साथ ही उसे महंगी गाड़ियों का बहुत ही ज्यादा शौक था. मोहम्मदाबाद से लेकर गाजीपुर तक की सड़कों पर मुख्तार को अपने दोस्तों के साथ जीप की सवारी करते हुए देखा जाता. मुख्तार के पास न तो पैसे की कमी थी और न पावर की. राजनीति में आने के बाद ताकत और भी ज्यादा बढ़ गई. हालांकि पैसा, पावर और पॉलिटिक्स की तिकड़ी होते हुए भी मुख्तार मरते दम तक अपनी एक हसरत पूरी नहीं कर पाया.
किस ख्वाब को पूरा नहीं कर सका माफिया मुख्तार?
दरअसल, मुख्तार का गाड़ियों से प्रेम किसी से छिपा नहीं है. अपने काफिले में खुली जिप्सी और टाटा सफारी लेकर चलने वाला मुख्तार एक इंटरनेशनल कार भी चाहता था. यहां जिस कार की बात हो रही है, वो इंटरनेशनल मार्केट में बिकने वाली 'हमर' कार है. मुख्तार का ख्वाव था कि जब वह जेल से बाहर आएगा तो हमर को उसके काफिले में शामिल किया जाए. हालांकि, पैसा होने के बाद भी मुख्तार कभी इस कार को अपने काफिले में शामिल नहीं कर पाया.
मुख्तार की हर गाड़ी का नंबर 786
पूर्वांचल के बाहुबली के पास लगभग हर तरह की गाड़ियां थीं. जब मार्केट में मारुति जिप्सी, मारुति कार और वैन जैसी गाड़ियों का दबदबा था, तो इन सभी कारों को मुख्तार ने अपने काफिले में रखा था. पांच बार के विधायक रहे बाहुबली नेता के काफिले की सबसे खास बात ये थी कि उसमें शामिल हर कार का आखिरी तीन नंबर 786 ही रहता था. इसकी वजह से कई बार उसके दुश्मनों को भी नहीं पता होता था कि मुख्तार किस कार में बैठकर जा रहा है.
विधायक बनने के साथ बढ़ा महंगी गाड़ियों का शौक
अपराध से राजनीति की दुनिया में एंट्री के साथ ही मुख्तार की गाड़ियों का शौक अब महंगी और लग्जरी कारों पर आ टिका था. कभी जिप्सी और वैन लेकर चलने वाले मुख्तार ने अपने काफिले में टाटा सफारी, फोर्ड एंडेवर, पजेरो स्पोर्ट, ऑडी, बीएमडब्ल्यू जैसी कारों को शामिल किया. इनमें से कई कारों को वह खुद भी चलाता था. आज के समय में भी मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर के काफिले में भी टोयोटा फॉर्च्यूनर, फोर्ड एंडेवर और बीएमडब्ल्यू जैसी कारें दिखती हैं.
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