Muharram Date 2023: इस्लामी साल मुहर्रम की शुरूआत को लेकर ताजा अपडेट आई है. इस बार इसकी शुरूआत 20 जुलाई से होगी क्योंकि मंगलवार (18 जुलाई) को चांद का दीदार नहीं हुआ है. इस बात की जानकारी मरकजी चांद कमेटी ने एक बयान जारी करके दी है.
कमेटी ने कहा है, “मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर और इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली काजी-ए-शहर ने ऐलान किया है कि आज (18 जुलाई) को मोहर्रम का चांद नहीं हुआ है. इसलिए मुहर्रम की 01 तारीख 20 जुलाई को होगी. असूरा 29 जुलाई 2023 को होगा.”
क्या होता है मुहर्रम?
दरअसल मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल का पहला महीना है. इसी महीने के साथ इस्लामिक साल की शुरुआत होती है. वैसे तो ये एक महीना है लेकिन इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुसलमान पैगंबर मोहम्मद की नवासे की शहादत का गम मनाते हैं.
सन 61 हिजरी (680 ईस्वी) में इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को उनके 72 साथियों के साथ शहीद कर दिया गया था. मुहर्रम में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाते हैं. गिरिया (रोना) करते हैं. क्योंकि इस महीने में पैगंबर के नवासे की शहादत हुई थी, इसीलिए इस महीने को गम का महीना कहा जाता है.
मुहर्रम में शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र करते हैं. उनका गम मनाने के लिए मजलिसें (कथा) करते हैं. मजलिसों में इमाम हुसैन की शहादत बयान की जाती है. मजलिस में तकरीर (स्पीच) करने के लिए ईरान से भी आलिम (धर्मगुरू) आते हैं और जिस इंसानियत के पैगाम के लिए इमाम हुसैन ने शहादत दी थी उसके बारे में लोगों को बताते हैं.
ये भी पढ़ें: Muharram 2022: कर्नाटक के इस गांव में 100 साल से एक भी मुस्लिम परिवार नहीं, फिर भी मनाया जाता है मुहर्रम