नई दिल्ली: आजादी की 75वीं सालगिरह से पहले तैयार होने वाले नये संसद भवन में दोनों सदनों के सभी सदस्यों को मंत्रियों की तरह अलग से ऑफिस देने की योजना है. सांसदों को संसद भवन में आधिकारिक कामों को निपटाने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए यह फैसला लिया गया है. बता दें कि संसद भवन की मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ मंत्रियों को ही अलग से कमरा मिलता है. संसद सदस्यों को अभी ऑफिशियल कामों, अध्ययन, किसी से मिलने के लिये मंत्रियों के चेंबर, पुस्तकालय या सेंट्रल हॉल में जाना पड़ता है.

वर्तमान में महसूस हो रही जगह की कमी 

जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश काल में निर्मित संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय सहित अपने विभिन्न मंत्रालयों की इमारतें मौजूदा समय की जरूरतें नहीं पूरी कर पा रही हैं. इसके मद्देनजर सरकार राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक, तीन किमी के दायरे में मौजूद देश की शासन व्यवस्था के शीर्ष सत्ता प्रतिष्ठानों (संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय) का कायाकल्प कर इसे आधुनिक रूप देने जा रही है. यह काम आवास और शहरी मंत्रालय के अंतर्गत किया जा रहा है. इसके एक अधिकारी ने बताया कि 90 साल की ऐतिहासिक विरासत को समेटे संसद भवन की इमारत के ऐतिहासिक महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन बदले वक्त की मौजूदा जरूरतों को यह भवन अब पूरे नहीं कर पा रहा है.

अधिकारी ने बताया कि अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों में सभी संसद सदस्यों को पार्लियामेंट में अलग से कमरा मिलता है. लेकिन दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र के सांसदों को संसद भवन में अपनी निर्धारित सीट के अलावा कामकाज निपटाने के लिए कोई दफ्तर नहीं मिलता है. एसपी के राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह ने संसद भवन को नये सिरे से बनाने की सरकार की योजना का स्वागत किया है. उन्होंने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में मंत्रियों के अलावा विभिन्न दलों के नेता सदन को ही अलग कमरा मिलता है. ऐसे में एक या दो सदस्यों वाले छोटे दलों के सदस्यों को स्थान के अभाव में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

नया संसद भवन 2024 तक होगा तैयार 

जानकारी हो कि आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि संसद भवन और संयुक्त केन्द्रीय सचिवालय को नया रूप देने का काम 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा. परियोजना से जुड़े मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले दिसंबर 2015 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नये संसद भवन के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने का अनुरोध किया था. महाजन ने संसद में जगह की कमी और भावी परिसीमन में दोनों सदनों की सदस्य संख्या एक हजार तक पंहुचने की संभावना के मद्देनजर जगह की समस्या और अधिक गहराने की आशंका जतायी थी. इसे देखते हुये तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने अधिकारियों से नये भवन के लिये जगह तलाशने को कहा था.

संसद भवन में स्थान के अभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभिन्न दलों के नेता अपनी पार्टी के लिये कमरों की उपलब्धता के लिए झगड़ते रहते हैं. अगस्त 2014 में टीडीपी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच कमरे के आवंटन को लेकर आपसी विवाद इतना बढ़ गया था कि इसकी शिकायत सुमित्रा महाजन के पास तक पंहुच गयी थी. संसद में स्थान के अभाव की समस्या को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी पिछले महीने पांच अगस्त को उठाते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अगस्त 2022 तक संसद भवन को विस्तार देने का अनुरोध किया. इस पर पीएम मोदी ने 20 अगस्त को संसद भवन को आधुनिक रूप देने की घोषणा की.

अभी सिर्फ 550 लोकसभा और 250 राज्यसभा के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था 

मौजूदा व्यवस्था में लोकसभा में अधिकतम सदस्य संख्या 550 और राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. दोनों सदनों के अलावा संसद भवन में मंत्रियों और विभिन्न समितियों के अध्यक्षों सहित कुल 180 सदस्यों के काम करने के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था है. सभी पक्षों में आमराय है कि यह व्यवस्था मौजूदा परिस्थितियों और भविष्य के लिहाज से नाकाफी है. बता दें कि दुनिया का सबसे पुराना संसद भवन इटली का है. 1505 में निर्मित इस संसद भवन की इमारत, समय के साथ तमाम बदलावों के बीच आज भी कार्यरत है.

इसके अलावा वर्तमान में कार्यरत संसद भवन की पुरानी इमारतों में 1800 में निर्मित अमेरिकी संसद, 1814 में निर्मित स्पेन की संसद, 1870 में निर्मित ब्रिटिश संसद और 1884 में निर्मित दक्षिण अफ्रीकी संसद शामिल है. भारतीय संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गयी थी. मशहूर वास्तुकारों, एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर द्वारा तैयार डिजायन पर आधारित संसद भवन, लगभग छह साल में 83 लाख रूपये की लागत से 18 जनवरी, 1927 को बनकर तैयार हुआ था.

यह भी पढ़ें-

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना ने जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस की तारीफ की

2 बार कश्मीर जाने से रोके जा चुके गुलाम नबी ने खटखटाया SC का दरवाजा, परिवार से मिलने की इजाजत मांगी

वायुसेना को मिलना शुरू हुआ स्पाइस 2000 बम, बालाकोट एयर स्ट्राइक में किया गया था इसका इस्तेमाल