नई दिल्ली: गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की आज बैठक हुई. बैठक में मौजूद सांसदों ने सरकार के अधिकारियों से कहा कि तीसरी लहर की संभावनाओं और उसके असर को लेकर विशेषज्ञों के अलग अलग विचार हैं. सांसदों का कहना था कि ऐसे में लोगों के बीच भ्रम और डर का माहौल है जिसे दूर किए जाने की ज़रूरत है. आईसीएमआर की नई स्टडी के मुताबिक़ कोरोना की तीसरी लहर, दूसरी लहर जितनी ख़तरनाक नहीं होगी.

बैठक का एजेंडा कोरोना की दूसरी लहर के देश के सामाजिक - आर्थिक हालात पर पड़ने वाले असर पर चर्चा करने का था. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण मौजूद रहे. तीसरी लहर को लेकर बैठक में उपस्थित सांसदों ने दोनों अधिकारियों से कई सवाल पूछने के साथ साथ सुझाव भी दिए. सदस्यों ने सुझाव दिया कि पहली और दूसरी लहर के दौरान सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो आधारभूत संरचना तैयार की है उसे अभी बहाल रखा जाए, ताकि इसका इस्तेमाल तीसरी लहर में भी किया जा सके. 

सदस्यों ने देश में लगाए जा रहे अलग अलग वैक्सीन के असर को लेकर उठ रहे सवालों पर भी अधिकारियों से सवाल पूछा. कई सदस्यों ने बंगाल और अन्य राज्यों में फ़र्ज़ी वैक्सीन घोटाले को लेकर भी सवाल पूछा और स्पष्टीकरण मांगा. सभी सदस्यों ने सरकार को चेताया कि तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी समय रहते होनी चाहिए. सदस्यों ने प्रवासियों की स्थिति और प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता से जुड़े भी सवाल पूछे. स्वास्थ्य सचिव ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि सरकार सम्भावित तीसरी लहर से निपटने की हर सम्भव तैयारी कर रही है.

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