नयी दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि वह पिछले चार सालों से सांसदों को अपने क्षेत्र के बालगृहों का निरीक्षण करने के लिए कई बार पत्र लिख चुकी हैं, लेकिन कोई भी सांसद एक बार भी बालगृहों को देखने नहीं पहुंचा. मेनका गांधी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना के संदर्भ में बात कर रही थीं.

लगातार हो रहे बालगृह के डरावने खुलासे से सांसदो की लापरवाही की कलई पहले ही खुल चुकी है और ऐसे समय में महिला एवं बाल विकास मंत्री का ये बयान सांसदों की नाकामी को और पुख्ता करता है.

मेनका गांधी ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं पिछले चार वर्षों से सभी सांसदों को पत्र लिखती आ रही हूं कि वे अपने- अपनो क्षेत्रों के बाल गृहों की निगरानी करें, उनकी व्यवस्था और कार्यप्रणाली की समीक्षा करें, क्योंकि सरकार हमेशा निरीक्षण नहीं कर सकती. मैंने सांसदों को उनके क्षेत्रों के सभी बालगृहों की सूची सौंपी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई एक सांसद भी इन केंद्रों में एक बार भी नहीं गया. मैं सांसदों से आग्रह करना चाहती हूं कि वे जाएं और उन जगहों का निरीक्षण करें.’’

मेनका गांधी एक कार्यक्रम में चार साल में अपने मंत्रालय द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख कर रहीं थीं उसी दौरान उनहोंने कहा, ‘महिलाओं की मदद के लिए वन स्टॉप सेंटर खोले जा चुके हैं और आज के समय में हम 600 वन स्टॉप सेंटर बनाने जा रहे हैं. हमने इन सेंटर में 12 लाख महिलाओं की मदद की है.

आगे उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ उनके मंत्रालय की बड़ी उपलब्धि रही है और इसमें भी पंजाब और हरियाणा ने बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है.

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