भोपाल: मध्य प्रदेश में स्कूल के हेड मास्टर के निलंबन पर सियासत शुरू हो गई है. राज्य सरकार के फैसले के विरोध मेें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कूद पड़े हैं. वहीं सरकार ने अपने बचाव में कार्यवाही को अनुशासन का हिस्सा बताया है. मामला रतलाम के मलवासा के सरकारी स्कूल का है. आरोप है कि स्कूल में सावरकर की फोटो लगी नोटबुक छात्रों को मुफ्त बांटी गई थी. जिसके बाद मामला तूल पकड़ता देख राज्य सरकार ने हेड मास्टर आर एन केरावत को सस्पेंड कर दिया.
प्रमुख हस्तियों का अपमान करने का आरोप
हेड मास्टर के खिलाफ की गई कार्यवाही पर विपक्ष ने हमला बोल दिया. शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है. शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, “आप सावरकर के प्रति नफरत में अंधे हो चुके हैं. आप अपने देश की प्रमुख हस्तियों का कांग्रेस की विचारधारा के चलते अपमान कर रहे हैं. प्रदेश आपकी कार्रवाई से अपमानित महसूस कर रहा है. आप से मांग की जाती है कि हेड मास्टर को तुरंत बहाल किया जाए.”
वहीं राज्य सरकार ने अपने बचाव में कहा है कि हेड मास्टर के खिलाफ कार्यवाही अनुशासन का हिस्सा थी.
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में वीर सावरकर मंच नाम की संस्था ने छात्रों को मुफ्त नोटबुक बांटी थी. नोटबुक के कवर पर हिंदुत्व के विचारक विचारक वीर सावरकर की फोटो लगी थी. जिसके बाद प्रशासन से हेड मास्टर के खिलाफ शिकायत की गई. प्रशासन ने मामले की गंभीरता देखते हुए हेड मास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जांच कमेटी बिठा दी. हेडमास्टर के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी डिविजनल कमिश्नर उज्जैन संभाग को सौंपी गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने हेड मास्टर आर एन केरावत को सस्पेंड कर दिया.
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