पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे है. लेकिन, उससे पहले हिंसा और सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है. दो दिवसीय बंगाल दौरे पर बुधवार को पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के पहुंचते ही पहले दिन जहां बीजेपी ऑफिस के बाहर गौ बैक के नारे लगाए गए तो वहीं दूसरे दिन जेपी नड्डा और कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर हमला किया गया. इसके बाद सियासी राजनीति तेज हो गई है और बीजेपी ने इसके लिए राज्य की तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर निशाना साधा है.
दरअसल, डायमंड हार्बर जाते वक्त जे पी नड्डा के काफिले पर पथराव हुआ था. कार में सवार बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय बाल-बाल इस घटना में बचे. इस घटना के बाद कैलाश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "ये घटना बेहद ही निंदनीय है. मुझे ऐसा लगा जैसे मैं अपने देश में नहीं हूं." वहीं, जे पी नड्डा ने इस घटना पर प्रतक्रिया देते हुए कहा कि "मैं इस घटना में केवल इसलिये बच गया क्योंकि मैं बुलेट प्रूफ गाड़ी में बैठा हुआ था." उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता लाठी-डंडे और पथर से काफिले पर हमला कर रहे थे जो कि बेहद ही शर्मनाक है.
वहीं, इस पूरी घटना पर राजनेताओं की तमाम प्रतक्रिया सामने आ रही है. नेताओं ने ट्वीट कर इस घटना को शर्मनाक करार दिया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिव राज सिंह चौहान ने कहा कि, "टीएमसी और ममता बनर्जी की इस हरकत से बीजेपी डरने वाली नहीं है." साथ ही उन्होंने कहा कि ना बीजेपी और ना ही देश इस तरह की हरकत को बर्दाश्त करेगा.
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रतक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि, "जे पी नड्डा के काफिले पर इस तरह का हमला बिल्कुल स्वीकारा नहीं जाएगा. ममता बनर्जी को मामले में जवाब देना होगा."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बेहद चिंताजनक बताया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का हमला राज्य की कानून व्यवस्था पर कई सवाल उठाता है. मामले की जांच की जानी चाहिए साथ घटना की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए.