नई दिल्ली: मोटर व्हीकल एक्ट जबसे लागू हुआ है तबसे ही इसको लेकर बहस जारी है. बीजेपी शासित राज्यों समेत कई राज्य सरकारों ने इस कानून को लागू करने से इनकार कर दिया या फिर जुर्माने की राशि आधी कर दी. एक देश एक विधान की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार अपनी ही राज्य सरकारों से केंद्र द्वारा पारित कानून लागू नहीं करवा पाई है.

मोटर व्हीकल एक्ट जिन राज्यो ने लागू किया है वो भी अब चालान की रकम को कम करने पर विचार कर रहे हैं. पहले पीएम मोदी का गृहप्रदेश गुजरात और बाद में कई अन्य राज्यों ने चालान कम कर दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं किन राज्यों ने अब तक नए कानून को लागू नहीं किया. साथ ही यह भी जानते हैं कि किन राज्यों ने इसे पूरी तरह से लागू कर दिया है और किन राज्यों ने फाइन की रकम को कम कर किया है.

जिन राज्यों ने अभी तक लागू नही किया है

1- आंध्र प्रदेश

2- तेलंगाना

3- छत्तीसगढ़

4-मध्‍य प्रदेश

5-उत्‍तर प्रदेश

6-पश्चिम बंगाल

7-राजस्‍थान

8- गोवा (बीजेपी शासित)

9- महाराष्‍ट्र (बीजेपी शासित)

10- पंजाब

11-त्रिपुरा (बीजेपी शासित)

जिन राज्यों ने कर दिया है पूरी तरीके से

1- दिल्ली

2- बिहार

3- हरियाणा

4- अंण्डमान

5- दादर नगर हवेली

6-चंडीगढ़

7-पुंडूचेरी

8-जम्‍मू एवं कश्‍मीर

9-केरल

10- झारखण्‍ड

11- हिमाचल प्रदेश

12- असम

जिन राज्यों ने फाइन कम करके लागू किया

1- गुजरात

2-तमिलनाडु

3- उत्तराखंड

4-कर्नाटक

5-उड़ीसा (तीन महिने का वक्त दिया है लोगो को)

इन राज्यों की जानकारी निकाली जा रही है

1- अरूणाचल प्रदेश

2- मणिपुर

3- मेघालय

4- मिजोरम

5-नागालैण्‍ड

6-सिक्किम

एबीपी न्यूज़ से बोले गडकरी- जुर्माना घटाने के बाद एक्सीडेंट में मौत के जिम्मेदार होंगे राज्य

इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज़ ने केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी से बात की. गडकरी ने जुर्माना कम करने वाले और कानून ना लागू करने वालों को लेकर कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं है. गडकरी ने कहा, ''जुर्माना कम करने के बाद अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो इसके जिम्मेदार राज्य सरकार है.''

उन्होंने कहा, ''दुनिया में सड़क हादसे में सबसे ज़्यादा मौत भारत में होती हैं. सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश को 2 फीसदी जीडीपी का नुकसान भी होता है. जुर्माना कम करने या नया कानून लागू करने या न करने के बाद सड़क दुर्घटना में अगर लोगों की मौत कम होती है तो राज्य सरकार ज़िम्मेदार है.'' उन्होंने कहा कि दवाब में राज्य सरकारें, जुर्माना कम न करें, जुर्माना कम करना ठीक नहीं है. कानून के प्रति भय और सम्मान नहीं है.

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