MoE Report On School Education: शिक्षा मंत्रालय की ओर से रविवार (9 जुलाई) को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 के दौरान स्कूली शिक्षा में दिल्ली के सभी नौ जिले 'अति उत्तम' श्रेणी में रहे, जबकि केरल के कोल्लम और तिरुवनंतपुरम को इस दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बताया गया है. इसके बाद कन्नूर और त्रिशूर जिलों का स्थान रहा.


शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने रविवार को 2020-21 और 2021-22 के लिए जिलों के प्रदर्शन क्रम सूचकांक (पीजीआई-डी) पर आधारित रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट व्यापक विश्लेषण के उद्देश्य से एक सूचकांक तैयार कर जिला स्तर पर विद्यालयी शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करती है.


किसी भी जिले को उच्चतम ग्रेड वाली दो श्रेणियों में नहीं मिली जगह


जिलों के प्रदर्शन को 'अति उत्तम' श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है, जो पीजीआई-डी की तीसरी सर्वश्रेष्ठ श्रेणी है. किसी भी जिले को उच्चतम ग्रेड वाली दो श्रेणियों - 'दक्ष' और 'उत्कर्ष' में जगह नहीं मिली है. सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में अधिकतर राजस्थान (26) के हैं और इसके बाद गुजरात (22) और पंजाब (19) के जिले हैं. दिल्ली के सभी नौ जिले 'अति उत्तम' श्रेणी में हैं.


स्कूली शिक्षा में सभी जिलों के प्रदर्शन को श्रेणीबद्ध करने के लिए 83-संकेतकों को शामिल कर जिलों का प्रदर्शन क्रम सूचकांक (पीजीआई-डी) तैयार किया गया है. इसमें जिलों की ओर से डाटा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भरा जाता है.


जिलों के प्रदर्शन क्रम सूचकांक का क्या है हिसाब?


ऐसी उम्मीद की जा रही है कि पीजीआई-डी राज्य शिक्षा विभागों को जिला स्तर पर कमियों की पहचान करने और विकेंद्रीकृत तरीके से उनके प्रदर्शन में सुधार करने में सहायता करेगा. पीजीआई-डी के तहत जिलों को 10 श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है, जिसमें उच्चतम श्रेणी 'दक्ष' है, जो उस श्रेणी में या कुल मिलाकर 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले जिलों के लिए है.


'उत्कर्ष' श्रेणी 81-90 प्रतिशत के बीच अंक पाने वाले जिलों के लिए है, इसके बाद 'अति-उत्तम' (71-80 प्रतिशत), 'उत्तम' (61-70 प्रतिशत), 'प्रचेस्टा-एक' (51-60 प्रतिशत), 'प्रचेष्टा-दो' (41-50 प्रतिशत) और 'प्रचेष्टा तीन' (31-40 प्रतिशत) श्रेणी है. पीजीआई-डी में सबसे निचली श्रेणी को 'अकांशी-तीन' कहा जाता है जो कुल अंकों के 10 प्रतिशत तक के अंक के लिए होता है.


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