नई दिल्ली: नीति आयोग ने बुधवार को एक मसौदा जारी कर मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी लेकिन विवादों की संभावना से भरपूर एक योजना का ख़ाका देश के सामने पेश किया है. मसौदा में अगले पांच सालों में अलग अलग 100 रूटों पर 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने का लक्ष्य रखा गया है. मसौदे के मुताबिक प्राइवेट ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव रेलवे में निवेश और विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए किया जा रहा है.

Continues below advertisement

7 क्लस्टर में बांटा जाएगा

इन ट्रेनों के रूट को 7 क्लस्टर यानि समूहों में बांटा गया है. इनमें मुम्बई , दिल्ली , पटना , गुवाहाटी , चेन्नई , हावड़ा और सिकंदराबाद शामिल हैं. इनमें मुम्बई को 4 उपसमूहों और दिल्ली को 3 उपसमूहों में भी बांटा गया है. मसलन पटना क्लस्टर के तहत रोज़ाना नई दिल्ली से पटना और पटना से नई दिल्ली ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है तो वहीं नवी मुम्बई के पनवेल से पटना तक साप्ताहिक ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है.

Continues below advertisement

160 किलोमीटर की अधिकतम रफ़्तार

इन ट्रेनों की अधिकतम रफ़्तार 160 किलोमीटर रखे जाने का प्रस्ताव है और सभी ट्रेनों में कम से कम 16 डिब्बे ज़रूर होंगे. इन ट्रेनों के खुलने और गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए तय किए गए समय में अधिकतम 15 मिनट की देरी हो सकेगी जिसके बाद यात्रियों को कुछ हर्ज़ाना दिया जाएगा . ट्रेनों के रखरखाव और साफ सफाई की ज़िम्मेदारी पूरे तौर पर उस कम्पनी की होगी जो उसे चला रही होगी. ऐसी ट्रेनों में भाड़ा तय करने का अधिकार भी उन्हीं कम्पनियों को होगा . मसौदे में ये साफ़ नहीं है कि भाड़ा किस आधार पर तय किया जाएगा.

दो चरणों में होगी नीलामी प्रक्रिया

नीति आयोग ने अपने मसौदे पर 17 जनवरी तक सभी लोगों की राय मांगी है. मसौदे में दो चरणों में नीलामी का प्रस्ताव रखा गया है . एक क्लस्टर को एक यूनिट माना जाएगा और नीलामी उस पूरे यूनिट के लिए की जाएगी. नीलामी में स्वदेशी और विदेशी कम्पनियां समान रूप से भाग ले सकेंगी जो सरकारी या निजी कम्पनी भी हो सकती है. नीलामी के लिए कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए शुरुआत में रियायतें देने का भी प्रस्ताव किया गया है. मसौदे में इस योजना में 22500 करोड़ के शुरुआती निवेश की उम्मीद लगाई गई है.

विरोध होना तय सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध होना तय है क्योंकि रेलवे से जुड़े कर्मचारी संगठन पहले से इसके ख़िलाफ़ हैं . उधर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भी पहले से ही मोदी सरकार पर रेलवे के निजीकरण का आरोप लगाते रहे हैं. देश की पहली प्राइवेट ट्रेन ' तेजस एक्सप्रेस ' को पिछले साल अक्टूबर में शुरू किया गया था और अब अहमदाबाद और मुम्बई के बीच भी ऐसी ही ट्रेन चलाने की तैयारी हो रही है.

केजरीवाल ने मनोज तिवारी को दी चुनौती, कहा- BJP शासित राज्यों में दें फ्री बिजली-पानी

पश्चिम बंगाल में बंद के दौरान हिंसा, आगजनी, कोलकाता में 90 लोग गिरफ्तार