Modi Government: बेलगाम होती महंगाई (Inflation) पर क़ाबू पाने के लिए मोदी सरकार (Modi Gvernment) लगातार हरकत में है. पिछले दस दिनों में एक के बाद एक बड़े फ़ैसले लिए गए हैं. इनमें गेहूं के निर्यात (Export Of Wheat) पर प्रतिबंध और पेट्रोल  की क़ीमत (Petrol Price) में कमी के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती जैसे बड़ें क़दम शामिल हैं. इसी कड़ी में कल सरकार ने एक और अहम फ़ैसला किया, जिससे चीनी की मिठास बनी रह सके.


मोदी सरकार ने इस साल चीनी के निर्यात की मात्रा तय करने का फ़ैसला किया है. अब 2021 - 22 चीनी सीजन में निर्यातक 100 लाख मीट्रिक टन से ज़्यादा चीनी निर्यात नहीं कर पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक़ देश में चीनी के स्टॉक को लेकर फ़िलहाल कोई चिंता नहीं है लेकिन एहतियात के तौर पर ये क़दम उठाया गया है क्योंकि इस साल चीनी का निर्यात पिछले छह सालों में सबसे ज़्यादा हुआ है. ऐसे में घरेलू बाज़ार में चीनी की पर्याय उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ये फ़ैसला लिया है.


कुछ सालों में चीनी का निर्यात बढ़ा


सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ 2017 - 18 में 6.2 लाख मीट्रिक टन , 2018-19 में 38 लाख मीट्रिक टन , 2019-20 में 60 लाख मीट्रिक टन जबकि पिछले साल 2020 - 21 में 70 लाख टन चीनी निर्यात हुआ था. इस साल चीनी के निर्यात में ऐतिहासिक उछाल आया है. आंकड़ों के मुताबिक़ 2021- 22 में अबतक 90 लाख टन चीनी के निर्यात का अनुबंध हो चुका है जिसमें से क़रीब 79 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है.


6 सालों में पहली बार चीनी के निर्यात पर पाबंदी


पिछले 6 सालों में ये पहला मौक़ा है जब चीनी के निर्यात पर इस तरह की पाबंदी लगाई गई है. खाद्य मंत्रालय की ओर से निर्यातकों और चीनी मिलों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि 1 जून से चीनी निर्यात के लिए निर्यातकों को विशेष अनुमति (Export Release Orders) लेनी पड़ेगी. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक़ फ़िलहाल देश में चीनी की औसत ख़ुदरा क़ीमत 41 रुपए प्रति किलो है.


सरकार के इस फ़ैसले को उसी कड़ी में देखा जा सकता है जिसमें सरकार महंगाई पर क़ाबू पाने के लिए लगातर क़दम उठा रही है. इनमें गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध और पेट्रोल की क़ीमत में कमी के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती जैसे क़दम शामिल हैं. इन कदमों का असर अब धीरे धीरे दिखने भी लगा है क्योंकि गेहूं और आटे की क़ीमत में कमी आने के संकेत मिले हैं.


खाने के तेल पर आयात पर विषेश छूट


कल ही सरकार ने अगले दो सालों तक देश में कच्चे सोयाबीन तेल (Soyabin Oil) और कच्चे सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) के आयात पर विशेष छूट देने का ऐलान किया है ताकि घरेलू बाज़ार में खाद्य तेल सस्ता हो सके. इन दोनों तेलों के 20 - 20 लाख मीट्रिक टन तक के आयात (Export) पर सरकार ने आयात शुल्क (Export Fees) नहीं लेने का फ़ैसला किया है.


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