प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (27 अगस्त, 2025) को भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की दावेदारी को मंजूरी दे दी और ‘विश्व स्तरीय स्टेडियमों, अत्याधुनिक अभ्यास सुविधाओं और खेल संस्कृति’ के कारण अहमदाबाद को आदर्श मेजबान बताया.

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के सहमति जताने के कुछ दिन बाद ही यह फैसला आया. भारत ने राष्ट्रमंडल खेल 2030 की दावेदारी की इच्छा जताने वाला आशय पत्र जमा कर दिया है. पीआईबी की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रमंडल खेल 2030 की दावेदारी के युवा कार्य और खेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’

गुजरात सरकार को आवश्यक अनुदान सहायता की मंजूरी

इसमें कहा गया, ‘कैबिनेट ने संबंधित मंत्रालयों, विभागों और प्राधिकरणों से आवश्यक गारंटियों के साथ मेजबान सहयोग समझौते (एचसीए) पर हस्ताक्षर करने और बोली स्वीकार होने की स्थिति में गुजरात सरकार को आवश्यक अनुदान सहायता की मंजूरी दे दी.‘

दावेदारी के लिये बोली जमा करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त है. आईओए अगले 48 घंटे में प्रक्रिया पूरी कर सकता है. भारत ने आखिरी बार 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी. राष्ट्रमंडल खेल की आमसभा नवंबर के आखिरी सप्ताह में ग्लास्गो में मेजबान देश पर फैसला लेगी. कनाडा के वित्तीय कारणों से पीछे हटने के बाद भारत की मेजबानी की संभावना प्रबल हो गई है.

अहमदाबाद खेलों की मेजबानी के लिये आदर्श शहर

कैबिनेट बैठक के बाद जारी पीआईबी के बयान में कहा गया कि अहमदाबाद खेलों की मेजबानी के लिये आदर्श शहर होगा. इसमें कहा गया, ‘अहमदाबाद में विश्व स्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक अभ्यास सुविधायें और खेल संस्कृति है. दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आईसीसी 2023 क्रिकेट विश्व कप फाइनल का सफल आयोजन हो चुका है.’

भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी की भी इच्छा जता चुका है और उसके लिये भी अहमदाबाद दौड़ में अग्रणी है. इसके लिये बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है. नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल खेल एंक्लेव प्रमुख वेन्यू में से एक है, जिसमें निर्माण कार्य चल रहा है.

72 देशों के खिलाड़ी लेते हैं भाग

राष्ट्रमंडल खेलों में 72 देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं और सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और राजस्व पैदा होगा. विज्ञप्ति में कहा गया, ‘इसके अलावा खेल विज्ञान, इवेंट प्रबंधन, लॉजिस्टिक और परिवहन समन्वयक, प्रसारण और मीडिया, आईटी, संचार और जनसंपर्क जैसे कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों को मौका मिलेगा.’

सरकार का मानना है कि इतने बड़े आयोजन की मेजबानी से राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को बल मिलेगा. विज्ञप्ति में कहा गया, ‘इससे देश का मनोबल बढ़ेगा. इससे नयी पीढ़ी के खिलाड़ियों को करियर के विकल्प के तौर पर खेलों में हाथ आजमाने की प्रेरणा मिलेगी और सभी स्तरों पर खेलों में भागीदारी बढ़ेगी.’

1300 करोड़ रूपये के करीब बजट

राष्ट्रमंडल खेल 2026 ग्लास्गो में होंगे, जिसमें कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे खेल नहीं है. ग्लास्गो सारे खेल करीब 12 किलोमीटर के दायरे में कराना चाहता है और उसने बजट 1300 करोड़ रूपये के करीब ही रखा है. आईओए ने साफ तौर पर कहा है कि अगर भारत को 2030 खेलों की मेजबानी मिलती है तो ये सभी खेल उसमें शामिल होंगे. भारत ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी पर 70000 करोड़ रूपये खर्च किये थे, जबकि मूल बजट 1600 करोड़ रूपये का था.

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