मुंबई में बीती रात महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS)के कार्यालय पर हमला होने की बात सामने आई है. बीती रात कुछ लोगों ने आकर मनसे के कार्यालय पर पथराव किया. सूत्रों के मुताबिक इसका शक एनसीपी के कार्यकर्ताओं पर जा रहा है. इसकी वजह मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा  का पाठ करनाने के राज ठाकरे के एलान के बाद की प्रतिक्रिया से जोड़ कर देखा जा रहा है.


आपको बता दें कि राज ठाकरे ने हाल ही में एक सभा के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी और ऐसा न करने पर मस्जिदों के सामने  अपने कार्यकर्ताओं से हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था. वहीं MNS के परिवहन सेना के कलवा के अध्यक्ष इरफ़ान सय्यद ने ABP न्यूज़ से बातचीत की और बताया की कुछ दिन पहले उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी ने कहा था की MNS का कार्यालय छोड़कर NCP का दामन पकड़ लो और अगर ऐसा नही किया तो कार्यालय में तोड़फोड़ करेंगे.


पहले ही दी थी तोड़फोड़ की धमकी


मैंने उनकी बात नहीं मानी और उस समय लोकल पुलिस  मुम्ब्रा पुलिस को इसकी शिकायत की जिसके बाद उन्होंने पुलिस बंदोबस्त कार्यालय के पास लगाया गया था. जब तक पुलिस थी तब तक कोई नही आया और जैसे ही पुलिस का बंदोबस्त हटा वो लोग आए और पत्थरबाज़ी की.


इरफ़ान ने बताया कि बीती रात तीन लोगों ने कार्यालय पर पत्थर फेंका और वह सभी लोग बाइक पर थे यह घटना CCTV में दिखाई दे रही है. इस बात की जानकारी मैंने NMS के बड़े पदाधिकारियों को दी साथ ही मैंने पुलिस को भी इस बात की जानकारी दी है.


बीती रात ही हुई पत्थरबाजी


उनके इस एलान के बाद बीती रात मुंबई में उनके कार्यालय पर देर रात पत्थरबाजी होने की घटना सामने आई थी. इस मामले में मनसे के स्थानीय पदाधिकारियों ने एनसीपी पर पत्थरबाजी करने का आरोप लगाया है. वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ठाणे शहर पोलिस ने मनसे के इस कार्यालय पर पोलिस बंदोबस्त कर दिया है.


गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि राज्य, चुनावों पर नजर रख रहे किसी व्यक्ति को खुश करने के लिए की गई कथित विभाजनकारी मांग को पूरा नहीं करेगा.


ऐसे बयानों से क्या हासिल करना चाह रहे हैं मनसे प्रमुख


ठाकरे का नाम लिए बगैर पवार ने पूछा कि मनसे प्रमुख ऐसे बयान देकर क्या हासिल करना चाह रहे हैं और क्या लोगों को उकसाने से उनकी आजीविका का मुद्दा हल हो जाएगा. पवार ने बुधवार को अहमदनगर जिले के शिरडी में एक कार्यक्रम में कहा कि शाहू, फुले, आंबेडकर का महाराष्ट्र चुनावों पर नजर रख रहे किसी व्यक्ति को खुश करने के लिए मांगों को पूरा नहीं कर सकता है.


उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र इतने वर्षों से सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित कररहा है लेकिन कुछ दलों के नेता हाल ही में यहां और वहां लाउडस्पीकर लगाने की बात कर रहे हैं. वहीं एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुछ लोग समाज में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. हम वर्षों से सौहार्द्र पूर्ण माहौल में रह रहे हैं. समुदायों और धर्मों में कोई दरार पैदा न होने देकर हम समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रख पाए हैं. लेकिन कुछ दलों के नेता लाउडस्पीकर (हनुमान चालीसा के लिए) लगाने की बात कह रहे हैं.


क्या नहीं हैं और मुद्दे?


पवार ने पूछा कि क्या और मुद्दे नहीं हैं? क्या लोगों को उकसाकर उनकी रोजी-रोटी के मसले को सुलझाया जा सकता है? क्या इससे कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरियां गंवाने वाले युवाओं को नौकरियां वापस मिल जाएगी? गौरतलब है कि मनसे अध्यक्ष ने गत शनिवार को मस्जिदों से उच्च-डेसीबल वाले लाउडस्पीकर हटाने की वकालत की थी.


(रिपोर्टर सूरज ओझा के इनपुट के साथ)


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